राष्‍ट्रीय

Sukhbir Singh Badal पर गोलीबारी, कौन है आतंकी नारायण चौरा, पाकिस्तान से क्या है उसका कनेक्शन?

शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख Sukhbir Singh Badal पर बुधवार को अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ ड्यूटी करते समय एक व्यक्ति ने गोली चला दी। Sukhbir Singh Badal जो व्हीलचेयर पर बैठे थे, गोली दीवार से टकराकर छूटी और वह बाल-बाल बच गए। इस घटना के बाद तुरंत कुछ लोगों ने स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े व्यक्ति को पकड़ लिया। गोलीबारी करने वाले व्यक्ति का नाम नारायण सिंह चौरा बताया गया है। अब सवाल यह उठता है कि नारायण सिंह चौरा कौन है और उसका उद्देश्य क्या था?

नारायण सिंह चौरा कौन है?

पुलिस सूत्रों के अनुसार, नारायण सिंह चौरा एक पूर्व खालिस्तानी आतंकवादी है, जिसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह अंडरग्राउंड था। चौरा, जो कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र का निवासी है। मंगलवार को उसे सफेद कुर्ता-पजामा पहनकर सुखबीर सिंह बादल के पास घूमते हुए देखा गया था।

बुरैल जेल ब्रेक का मास्टरमाइंड

नारायण सिंह चौरा बुरैल जेल ब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बाबर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भिओरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुरैल जेल से भागने में मदद की थी। इन आतंकवादियों ने जेल की बिजली आपूर्ति को काटकर काफी समय तक जेल में घुसपैठ की थी।

Sukhbir Singh Badal पर गोलीबारी, कौन है आतंकी नारायण चौरा, पाकिस्तान से क्या है उसका कनेक्शन?

नारायण चौरा का पाकिस्तान से कनेक्शन

नारायण सिंह चौरा का पाकिस्तान से गहरा कनेक्शन रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद की शुरुआत के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। पाकिस्तान में उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप भेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वहां पर उसने गोरिल्ला युद्ध और उग्र साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या में भी शामिल होने का शक था।

पुलिस हिरासत में नारायण चौरा

इस समय नारायण सिंह चौरा पुलिस हिरासत में है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है, लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि उसने Sukhbir Singh Badal पर हमला क्यों किया। पुलिस की पूछताछ के बाद ही इस हमले का पूरा सच सामने आएगा।

नारायण सिंह चौरा का नाम खालिस्तान आंदोलन और पंजाब के आतंकवाद से जुड़ा हुआ है। उसने न केवल आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दिया है बल्कि पाकिस्तान से भारत में आतंक फैलाने के लिए हथियारों की तस्करी भी की थी। सुखबीर सिंह बादल पर हमला एक नए विवाद का रूप ले चुका है और इसके पीछे की पूरी साजिश पुलिस की जांच के बाद ही स्पष्ट होगी।

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