Haryana
झूठे झमेले फैलाकर समाज में फूट डालने का कार्य कर रहे हैं नशाखोर भगवांधारी
सत्यखबर, सतनाली मंडी (मुन्ना लाम्बा) – नाथ संप्रदाय की राजधानी कहलाने वाली कोथ सिद्धपीठ का वर्तमान में नेतृत्व कर रहे पीठाधीश्वर महन्त पीर शुक्राईनाथ योगी ने दूरभाष पर एक बातचीत के दौरान कहा कि कुछ भगवाधारी असामाजिक तत्व हमारे समाज को भ्रमित करने में लगे हुए हैं, इसलिए समाज को उनसे सावधान रहने की आवश्यकता […]
सत्यखबर, सतनाली मंडी (मुन्ना लाम्बा) – नाथ संप्रदाय की राजधानी कहलाने वाली कोथ सिद्धपीठ का वर्तमान में नेतृत्व कर रहे पीठाधीश्वर महन्त पीर शुक्राईनाथ योगी ने दूरभाष पर एक बातचीत के दौरान कहा कि कुछ भगवाधारी असामाजिक तत्व हमारे समाज को भ्रमित करने में लगे हुए हैं, इसलिए समाज को उनसे सावधान रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वे लोग समाज में भ्रम पैदा करने के लिए दिन-रात एक कर जुटे हुए हैं तथा बहका रहे हैं कि महन्त शुक्राईनाथ योगी ब्रम्लीन महन्त पीर नन्दाईनाथ महाराज के शिष्य नहीं बल्कि अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा हरिद्वार के वर्तमान महामंत्री चेताईनाथ महाराज के शिष्य हैं।
महाराज सुरजाईनाथ द्वारा महामंत्री चेताईनाथ को किया गया था महन्त नियुक्त
उन्होंने कहा कि बात यहीं तक सीमित नहीं है बल्कि लालच के वशीभूत वे लोग यह झूठे झमेले फैला रहे हैं कि नाथ सम्प्रदाय के महामंत्री डॉ. चेताईनाथ महाराज कोथ प्रणाली से नहीं बल्कि सरसाईनाथ गद्दी सरसा से दीक्षित हैं। परिणामस्वरूप यह भ्रामक प्रचार समाज में फूट डालने का काम कर रहा है। इसके बारे में पीर शुक्राईनाथ ने सन् 1992 का एक पुराना चित्र दिखाते हुए साफ किया कि सिद्धपीठ कालापीर मठ कोथ के पूर्व पीठाधीश्वर एवं मेरे दादागुरू महन्त पीर श्रद्धेय सुरजाईनाथ महाराज इस चित्र में अपने हाथों से गांव कन्डेला की कोथ ब्रान्च स्वामी कृष्णाईनाथ योगाश्रम का चेताईनाथ महाराज को थाली-ताली भेंट कर महन्त नियुक्त किया था।

पीर शुक्राईनाथ ने संत समाज में फूट डाल रहे नशाखोर भगवांधारियों से मांगे निम्र प्रश्रों के जवाब
यदि महामंत्री चेताईनाथ महाराज कोथ प्रणाली से दीक्षित नहीं है तो महाराज सुरजाईनाथ ने उनको कंडेला का महन्त क्यों बनाया?
जब चेताईनाथ महाराज को महन्त बनाया गया था, तब इन नशाखोर भगवांधारियों द्वारा पीर सुरजाईनाथ महाराज का विरोध क्यों नहीं किया?
क्या सुरजाईनाथ का महन्त चेताईनाथ महाराज को नियुक्त करना गलत था?
झूठे आडम्बर फैलाकर समाज को तोड़ रहे हैं नशाखोर भगवांधारी
उन्होंने कहा कि समाज को शिक्षा देने की बजाय झूठ के आडम्बरों से तोडऩे का काम संतो का नहीं बल्कि गद्दारों का होता है। हमें विभक्त नहीं होना चाहिए। योगी शुक्राईनाथ ने कहा कि मैं स्वयं पूर्व पीठाधीश्वर पीर नन्दाईनाथ महाराज का शिष्य हूं तथा महामंत्री चेताईनाथ महाराज मेरी व्यक्तिगत श्रद्धा से शिक्षागुरू हैं। वे कोथ सिद्धपीठ परम्परा के ब्रम्हलीन महन्त सरणाईनाथ महाराज के शिष्य हैं। इसलिए समाज को खुद मामले में संज्ञान लेने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अपने आप को धर्मपरायणता के साथ सांझा कर अपने जीवन को सामाजिक समरसता पर बल देने हेतु अग्रसर करना होगा तभी इस प्रकार के व्यसनी व भ्रामक तत्वों से हम अपने बच्चों सहित स्वयं का बचाव कर सकते हैं तथा सिद्धपीठ कोथ सभी वैदिक सृष्टि के सनातन धर्मावलंबियों के यशस्वी भविष्य की कामना करता है।