Haryana
जो पार्टी वाल्मीकि समाज को अलग आरक्षण देने का वायदा करेगी वाल्मीकि समाज उसको समर्थन देगा – दर्शन रत्न रावण
सत्यखबर, कैथल (विपिन शर्मा) – वालमीक अंबेडकर फाउंडेशन द्वारा एक समारोह कैथल की अनाज मंडी में आयोजित किया गया जिसमें वाल्मीक समाज के धार्मिक गुरु दर्शन रत्न रावण ने मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत की और वाल्मीकि समाज के लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा की ऐसे कार्यक्रम में कि देश की समस्याओ पर […]
सत्यखबर, कैथल (विपिन शर्मा) – वालमीक अंबेडकर फाउंडेशन द्वारा एक समारोह कैथल की अनाज मंडी में आयोजित किया गया जिसमें वाल्मीक समाज के धार्मिक गुरु दर्शन रत्न रावण ने मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत की और वाल्मीकि समाज के लोगों को संबोधित किया।
उन्होंने कहा की ऐसे कार्यक्रम में कि देश की समस्याओ पर विचार किया जाता है। इनमें ऐसी समस्याएं भी शामिल है जो बिना सरकार के इसका समाधान कराना होता है। इसमें नशाखोरी, अंधविश्वास की समस्या का समाधान करवाना हमारी जिम्मेदारी भी बनती है। लेकिन जो सरकार से संबधित समस्याएं है। वो है बाल्मिीकि समाज के लिए आरक्षण की अलग से नीति बनाना। उन्होंने कहा कि बाल्मिीकि समाज के लिए आरक्षण 1995 में शुरु हुआ था जो 2006 तक रहा था। 2006 के बाद पंजाब और हरियाणा का आरक्षण पूरी तरह से बंद हो गया। पंजाब सरकार अब बाल्मिीकि समाज को आरक्षण दे रही है। लेकिन हरियाणा सरकार नहीं दे रही है। उसको लेकर लोगों में जन जा$गृति पैदा कर रहे है। जो राजनैतिक पार्टी अलग से आरक्षण देने का वायदा करेगी वहीं हमारी वोट की हकदार होगी।

दलित वर्ग के पिछड़ा होने का प्रमुख कारण सरकारों की नीतियां रही है। सविधान तो केवल किताबों में है। जिसकी अनदेखी हो रही है। जिस कारण आज भी छुआछात, भेदभाव बने है। यह भेदभाव जब तक हमारे मन से जाएगा नहीं तब तक हम असल रुप से स्वतंत्र नहीं है। उन्होंने कहा कि दलित समाज पर जब अत्याचार होता है तो 100 में से केवल दो केस ही पुलिस तक पहुंचते है। जबकि अन्य को पंचायतों में ही दबा दिया जाता है। सरकार के नए एससी एसटी एक्ट के कानून को संशोधन करने की बात पर रावण ने कहा कि इस पर संसद में सरकार नौंटकी कर रही है। अगर सरकार चाहती तो इसे सुप्रीम कोर्ट में ही रोक सकती थी। उन्होंने सरकार पर आरोप लगात हुए कहा कि शिक्षा पद्धति को भी सरकार खराब कर रही है। उन्होंने कहा कि दलितों को राजनैतिक पार्टियों ने केवल वोट बैंक बनाया है। बसपा के कहने से वोट नहीं दिया जाएगा। क्योकि यू पी में मायावती ने अपने शासन कल हमारी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसलिए जो पार्टी वाल्मीकि समाज को अपने घोषणापत्र में अलग आरक्षण देने का वायदा करेगी वाल्मीकि समाज उसको अपना समर्थन देगा।