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Supreme Court: पूर्व मुख्यमंत्री सोरेन की इंटरिम जमानत याचिका पर ED से जवाब मांगा गया, अब मई में सुनवाई होगी

Supreme Court: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री Hemant Soren की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान शीर्ष अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जवाब मांगा. गौरतलब है कि शीर्ष अदालत में याचिका पर फैसला देने में हाई कोर्ट की देरी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई है।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की दो सदस्यीय पीठ ने JMM नेता की याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान पीठ ने ED को नोटिस जारी कर 6 मई तक जवाब मांगा. कोर्ट ने कहा कि मामले में सोरेन की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है. यह आदेश 28 फरवरी को सुरक्षित रख लिया गया था.

सोरेन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अरुणाभ चौधरी ने कहा कि वे मामले में अंतरिम जमानत चाहते हैं। बता दें, अब इस मामले की सुनवाई मई के दूसरे हफ्ते में हो सकती है.

रांची की विशेष PMLA कोर्ट से झटका लगा है

इससे पहले 27 अप्रैल को सोरेन को झटका लगा था. रांची की विशेष PMLA अदालत ने भूमि घोटाला मामले में उन्हें अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। आपको बता दें, हेमंत सोरेन के पिता और JMM सुप्रीमो शिबू सोरेन के भाई राम सोरेन का शनिवार सुबह निधन हो गया. वह काफी समय से बीमार थे. सोरेन ने अपने चाचा के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए अदालत से 13 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी थी। हालांकि सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था.

ED को एक हफ्ते का वक्त दिया गया

आपको बता दें कि Hemant Soren को प्रवर्तन निदेशालय ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था. उन पर भूमि घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. पूर्व CM फिलहाल न्यायिक हिरासत में रांची की बिरसा मुंडा जेल में हैं. इस मामले में सोरेन की जमानत याचिका पर जवाब देने के लिए ED को हाई कोर्ट ने एक और हफ्ते का समय दिया था.

जांच रांची में 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ी है

सोरेन के खिलाफ जांच रांची में 8.86 एकड़ जमीन से संबंधित है। ED का आरोप है कि इसे अवैध तरीके से जब्त किया गया था. एजेंसी ने 30 मार्च को यहां विशेष PMLA अदालत में सोरेन, प्रसाद, सोरेन के कथित ‘मुखौटे’ राज कुमार पाहन और हिलारियस कच्छप और पूर्व मुख्यमंत्री के कथित सहयोगी बिनोद सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। सोरेन ने रांची की एक विशेष अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित थी और उन्हें BJP में शामिल होने के लिए मजबूर करने की सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी।

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