Supreme Court: मदरसों के बोर्ड को असंवैधानिक घोषित करने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई स्थगित, बोर्ड पर सवाल
Supreme Court ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले पर सुनवाई को स्थगित कर दिया है, जिसमें उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड को असंवैधानिक घोषित किया गया था। यह याचिका Anjum Qadri द्वारा दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि हाई कोर्ट के पास मदरसा शिक्षा बोर्ड को असंवैधानिक घोषित करने का अधिकार नहीं है और इसे रद्द नहीं किया जा सकता।
इलाहाबाद हाई कोर्ट का निर्णय और चुनौती
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड एक्ट 2004 को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। इस निर्णय को चुनौती देते हुए याचिका दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका की सुनवाई अब 11 सितंबर को होगी।
हाई कोर्ट के निर्देश और यूपी सरकार की कार्रवाई
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड को असंवैधानिक घोषित करने के साथ ही यूपी सरकार को मदरसों में पढ़ रहे छात्रों की आगे की शिक्षा की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने सुझाव दिया कि मदरसों के छात्रों को बेसिक शिक्षा प्रणाली में शामिल किया जाए। इसके अलावा, यूपी सरकार ने अक्टूबर 2023 में एक SIT का गठन किया था, जो मदरसों की जांच करेगी।
बोर्ड के अध्यक्ष की प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. इफ्तेखार अहमद जावेद ने बोर्ड को असंवैधानिक घोषित करने के फैसले पर आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही कोर्ट के आदेश की समीक्षा करेंगे और अपनी सिफारिशें यूपी सरकार को भेजेंगे। इस मामले पर न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने निर्णय सुनाया था।