सत्य खबर,नई दिल्ली । Supreme Court verdict on Imran Khan
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने अल कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जमानत बुधवार को तीन दिन के लिए बढ़ा दी और उन्हें संबंधित जवाबदेही अदालत का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने जारी किया।
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वहीं हाईकोर्ट परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर साझा किए गए एक वीडियो में इमरान खान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में प्रवेश करते हुए दिखाया गया है, साथ ही उनके सुरक्षाकर्मी बुलेटप्रूफ शील्ड लिए हुए हैं।
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इस्लामाबाद हाईकोर्ट देश की राजधानी में आयोजित रैली के दौरान धारा 144 के उल्लंघन मामले के साथ-साथ नौ मई को हुईं हिंसा की घटनाओं के मामले में खान की दो अतिरिक्त जमानत याचिकाओं पर भी सुनवाई करेगा। इसके अलावा कोर्ट बुधवार को इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी की जमानत याचिका पर भी सुनवाई करेगा। बुशरा बीबी पर भी अल कादिर ट्रस्ट मामले में केस दर्ज है।
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पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने 12 मई को पीटीआई प्रमुख को 15 मई तक सभी दर्ज मामलों में गिरफ्तार न करने से रोकने के लिए निर्देश जारी किए थे। हालांकि, कोर्ट ने सुनवाई में 31 मई तक गिरफ्तारी पर प्रतिबंध लगा दिया था। बता दें, पाकिस्तानी पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर 100 से अधिक मामले दर्ज हैं। जबकि, उनकी पत्नी के खिलाफ तोशखाना और अल कादिर ट्रस्ट मामले में केस दर्ज है।
यह है अल कादिर ट्रस्ट मामला
राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) ने पिछले दिनों इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा बीवी और इमरान खान की पार्टी पीटीआई से जुड़े कई नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया था। मामला अल कादिर ट्रस्ट विश्वविद्यालय से जुड़ा है। आरोप है कि इमरान खान ने प्रधानमंत्री रहते हुए अपनी पत्नी बुशरा बीबी और पीटीआई के कुछ अन्य नेताओं के साथ मिलकर अल-कादिर यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट ट्रस्ट का गठन किया था। इसका उद्देश्य पंजाब के सोहावा जिला झेलम में ‘गुणवत्तापूर्ण शिक्षा’ प्रदान करने के लिए ‘अल-कादिर विश्वविद्यालय’ स्थापित करना था। ट्रस्ट के कार्यालय के पते का उल्लेख “बनी गाला हाउस, इस्लामाबाद” के रूप में किया गया है। Supreme Court verdict on Imran Khan