वक्फ एक्ट में संशोधन पर Supreme Court का बड़ा आदेश, नई नियुक्तियां रोकने का निर्देश

Supreme Court ने वक्फ बोर्ड कानून में बदलाव से संबंधित सभी पक्षों की याचिकाओं को स्वीकार कर लिया है। देश की सर्वोच्च अदालत ने आदेश दिया है कि वक्फ बोर्ड में कोई नई नियुक्ति तब तक न की जाए जब तक अगले आदेश न हों। साथ ही केंद्रीय सरकार से सात दिन के भीतर इस पर जवाब मांगा है।
केंद्र सरकार की भूमिका
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि केंद्रीय सरकार को इस मामले में जवाब देने के बाद याचिकाकर्ताओं को पांच दिन में अपना जवाब देना होगा। केंद्र सरकार ने अदालत में कहा है कि वह संसद द्वारा पारित इस कानून को रोक नहीं सकती और केंद्र रोजाना सुनवाई के लिए तैयार है।
#WaqfAmendmentBill 1/3 Deeply disturbing that the Hon'ble @indSupremeCourt, in the Waqf matter, appears to be acting as an extra-parliamentary authority. This overreach not only raises constitutional concerns but risks undermining the spirit of democratic separation of powers.
— Dr Rahul Srivastava (@drrahulsri) April 17, 2025
वक्फ एक्ट में बदलाव पर अदालत की प्रतिक्रिया
अदालत ने वक्फ एक्ट में संशोधन पर कोई स्थगन आदेश नहीं दिया है। भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि नए संशोधन कानून के तहत वक्फ बोर्ड या परिषद में कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी। साथ ही सरकार ने कहा कि जो संपत्तियां पहले से पंजीकृत और गजटेड हैं, उन्हें अगले आदेश तक रद्द नहीं किया जाएगा।
#WATCH | Delhi | On SC hearing on Waqf Amendment Act, Advocate Barun Kumar Sinha says, "The Supreme Court didn't put a stay. The Solicitor General of India said that no appointment will be made either in the council or in the board under the new amendment act. The Supreme Court… pic.twitter.com/lRpBPgojgz
— ANI (@ANI) April 17, 2025
लोगों की प्रतिक्रियाएँ
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। कुछ लोग इस फैसले से नाखुश हैं और सवाल उठा रहे हैं कि क्या सुप्रीम कोर्ट संसद से भी ज्यादा ताकतवर हो सकता है। वहीं कुछ लोग इसे सकारात्मक रूप में देख रहे हैं और फैसले का स्वागत कर रहे हैं।
विवादास्पद मुद्दों पर जल्द सुनवाई
कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से सवाल किया कि जब इतनी सारी महत्वपूर्ण और लंबित मामले कोर्ट में पड़े हैं तो वक्फ एक्ट जैसे मुद्दे को इतनी जल्दी क्यों सुना गया। कुछ लोगों ने अदालत के इस मुद्दे पर त्वरित सुनवाई पर आपत्ति जताई है और अन्य मामलों को पहले सुनने की मांग की है।