ताजा समाचार

Supreme Court’s decision: JDU-BJP ने SC-ST कोटे पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को स्वीकार किया, लेकिन PM मोदी के ‘हनुमान’ क्यों नाराज़ हैं?

Supreme Court’s decision: सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) के लिए ‘कोटा विदिन कोटा’ की अनुमति दी है। इस निर्णय के अनुसार, राज्य सरकारें SC और ST में उप-वर्ग बना सकती हैं ताकि बेसिक और जरूरतमंद वर्ग को अधिक लाभ मिल सके। भाजपा और जेडीयू ने इस निर्णय का स्वागत किया है, लेकिन NDA की सहयोगी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के नेता चिराग पासवान इस निर्णय से असंतुष्ट हैं और उन्होंने इसके खिलाफ अपील करने की घोषणा की है।

Supreme Court's decision: JDU-BJP ने SC-ST कोटे पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को स्वीकार किया, लेकिन PM मोदी के 'हनुमान' क्यों नाराज़ हैं?

Glenn Maxwell का चौंकाने वाला फैसला! वनडे क्रिकेट को कहा अलविदा, नई पीढ़ी के लिए खोला रास्ता
Glenn Maxwell का चौंकाने वाला फैसला! वनडे क्रिकेट को कहा अलविदा, नई पीढ़ी के लिए खोला रास्ता

चिराग पासवान का असंतोष

चिराग पासवान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से असहमत हैं, जिसमें SC और ST के लिए ‘रेजर्वेशन विदिन रेजर्वेशन’ की अनुमति दी गई है। उनका कहना है कि उनका दल इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनरावलोकन याचिका दायर करेगा।

चिराग ने कहा कि वे जाति जनगणना के पक्षधर हैं, जैसा कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी मांग कर रहे हैं, हालांकि उनका मानना है कि इसके परिणाम सार्वजनिक नहीं किए जाने चाहिए। चिराग का कहना है कि SC-ST कोटे में ‘क्रीमी लेयर’ की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि इससे सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग का उत्थान नहीं होगा। उनका तर्क है कि SC वर्ग की पहचान का मुख्य आधार अछूतता है, जिसका सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कोई उल्लेख नहीं है।

Punjab News: प्रीत नगर में ड्रग्स तस्करों ने CIA स्टाफ पर किया हमला! पुलिस ने सात हमलावरों के खिलाफ दर्ज किया मामला
Punjab News: प्रीत नगर में ड्रग्स तस्करों ने CIA स्टाफ पर किया हमला! पुलिस ने सात हमलावरों के खिलाफ दर्ज किया मामला

चिराग का बयान

चिराग पासवान ने स्पष्ट रूप से कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने उप-वर्गीकरण पर निर्णय दिया है और मैं ऐसा कुछ नहीं कहना चाहता जो अदालत की अवमानना ​​माना जा सके, लेकिन हमारी आपत्तियां हैं। लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनरावलोकन याचिका दायर करेगी। यह स्पष्ट है कि SC के मामले में ये जातियां अछूतता के आधार पर अनुसूचित श्रेणी में शामिल की गई हैं। इसलिए SC में ‘रेजर्वेशन विदिन रेजर्वेशन’ का सिद्धांत लागू नहीं हो सकता। क्रीमी लेयर कभी भी SC पर लागू नहीं हो सकती क्योंकि इसका आधार अछूतता है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों में अछूतता का कोई उल्लेख नहीं है। आज भी एक दलित दूल्हे को घोड़े पर चढ़ने से रोका जाता है, यहां तक ​​कि पढ़े-लिखे SC लोग भी अछूतता का सामना करते हैं।”

Back to top button