Telangana News: पेड़ों की हत्या या विकास का नाम? Supreme Court ने तेलंगाना सरकार को लगाई फटकार

Telangana News: तेलंगाना के कांचा गाचीबोवली इलाके में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की और राज्य सरकार से सवाल पूछे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 3 अप्रैल को आदेश जारी कर सभी तरह के विकास कार्यों पर रोक लगा दी थी।
सरकार को चेतावनी और दिशा-निर्देश
कोर्ट ने साफ कहा कि जब तक अगला आदेश नहीं आता तब तक राज्य सरकार वहां कोई भी गतिविधि नहीं कर सकती। सिर्फ पेड़ों की सुरक्षा का काम किया जा सकता है। जस्टिस बी आर गवई ने यह भी कहा कि निजी जंगलों में भी पेड़ काटने के लिए कोर्ट की अनुमति जरूरी होती है।
पर्यावरण को लेकर अदालत की चिंता
सुनवाई के दौरान जस्टिस गवई ने बताया कि अदालत का मकसद केवल पर्यावरण की सुरक्षा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पहले भी अदालत ने सुंकमा झील में एक बड़े आवासीय प्रोजेक्ट को रोक दिया था। अब राज्य सरकार को समाधान बताना होगा।
जेल भेजने की चेतावनी भी दी
कोर्ट ने तीखा रुख अपनाते हुए कहा कि यह राज्य सरकार पर निर्भर करता है कि वह अपने अधिकारियों को अस्थायी जेल भेजना चाहती है या नहीं। मुद्दा यह है कि वन्य जीवों को कैसे बचाया जाए। शहर में हरियाली बनी रहनी चाहिए और उसके लिए सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे।
सरकार से मांगी गई कार्ययोजना
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि वह वन्य जीवों को बचाने और हरियाली बनाए रखने के लिए क्या योजना बना रही है। यह साफ है कि अदालत इस मामले में कोई समझौता नहीं करेगी और पर्यावरण की रक्षा सर्वोपरि मानी जा रही है।