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Terrorist Attack in Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में बाहरी श्रमिकों को निशाना बनाते आतंकवादी हमले

Terrorist Attack in Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में बाहरी राज्यों से काम करने आए लोगों पर आतंकवादी हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला दक्षिण कश्मीर के बटगुंड त्राल से सामने आया है, जहां उत्तर प्रदेश के एक मजदूर प्रीतम सिंह पर आतंकियों ने फायरिंग की। सूत्रों के मुताबिक, प्रीतम सिंह को मामूली चोटें आई हैं और उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।

यह घटना तब घटी जब हाल ही में गंगंगीर, सोनमर्ग में भी बाहरी मजदूरों पर आतंकियों ने हमला किया था। पिछले कुछ महीनों से लगातार इस तरह के हमले देखने को मिल रहे हैं, जिनमें विशेष रूप से उन लोगों को निशाना बनाया जा रहा है जो दूसरे राज्यों से जम्मू-कश्मीर में रोजगार की तलाश में आते हैं।

बाहरी मजदूरों पर बढ़ते हमले

आतंकियों द्वारा बाहरी लोगों को निशाना बनाए जाने का सिलसिला जम्मू-कश्मीर में कोई नई बात नहीं है, लेकिन हाल के हमलों ने इस चिंता को और बढ़ा दिया है। 20 अक्टूबर की रात, गंगंगीर क्षेत्र में आतंकियों ने सुरंग में काम करने वाले गैर-कश्मीरी मजदूरों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी। इस हमले में 6 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि एक डॉक्टर की भी जान चली गई। कुल 7 लोग इस हमले में मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश बाहरी थे। यह हमला जम्मू-कश्मीर में भय का माहौल फैलाने का आतंकियों का एक प्रयास था।

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17 अक्टूबर को भी हुआ था हमला

20 अक्टूबर से पहले, 17 अक्टूबर को शोपियां इलाके में एक गैर-कश्मीरी व्यक्ति पर आतंकवादियों ने हमला किया था। बिहार के रहने वाले अशोक चौहान, जो इलाके में मकई बेचने का काम करते थे, को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। ये घटनाएं एक बड़े षड्यंत्र की ओर इशारा करती हैं, जिसमें बाहरी लोगों को खासतौर पर निशाना बनाया जा रहा है।

सरकार की प्रतिक्रिया

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इन हमलों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि राज्य में शांति को भंग करने और आतंक फैलाने की कोशिश की जा रही है। सरकार ने इन हमलों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का वादा किया है और कहा है कि आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा।

आतंकवादी संगठन TRF की भूमिका

गंदरबल में हुए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली थी। TRF, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का एक और हिस्सा माना जाता है, लगातार घाटी में आतंक फैलाने की साजिश रच रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस संगठन का प्रमुख पाकिस्तान में बैठकर घाटी में आतंक फैलाने की योजना बनाता है और पाकिस्तान से इस संगठन को आर्थिक सहायता भी मिलती है।

बाहरी लोगों को निशाना बनाने की साजिश

जम्मू-कश्मीर में बाहरी लोगों पर हो रहे ये हमले, आतंकियों की एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा हैं। इन हमलों के जरिए आतंकवादी घाटी में डर और असुरक्षा का माहौल बनाना चाहते हैं ताकि यहां का विकास कार्य और पर्यटन उद्योग प्रभावित हो सके। पिछले कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर में बाहरी मजदूरों की संख्या में वृद्धि हुई है, जो यहां के विकास और निर्माण कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

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क्या है आगे की चुनौती?

सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती इन हमलों पर काबू पाना और बाहरी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह आवश्यक है कि इन हमलों के पीछे जो आतंकी संगठन हैं, उन्हें जड़ से समाप्त किया जाए। इसके साथ ही, स्थानीय लोगों और बाहरी मजदूरों के बीच भरोसे का माहौल भी बनाया जाना चाहिए, ताकि आतंकवादी अपने नापाक इरादों में सफल न हो सकें।

जम्मू-कश्मीर में बाहरी मजदूरों पर हो रहे आतंकवादी हमले देश के सामने एक गंभीर सुरक्षा चुनौती प्रस्तुत करते हैं। सरकार और सुरक्षा बलों को इन हमलों पर लगाम लगाने के लिए कठोर कदम उठाने होंगे, ताकि राज्य में शांति और विकास का माहौल कायम रह सके।

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