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Sabarimala temple के दरवाजे आज से खुलेंगे, कितने भक्तों को मिलेगा दर्शन का अवसर? जानें पूरी जानकारी

Sabarimala temple, जो दुनिया भर में अपनी प्रसिद्धि के लिए जाना जाता है, के भक्तों का इंतजार अब खत्म होने वाला है। आज से इस मंदिर के दरवाजे भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे। यह दिन खास है क्योंकि आज से शुरू हो रहा है वार्षिक मंडलम-मकरविलक्कू तीर्थ यात्रा का मौसम, जिसमें लाखों श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। आइए जानते हैं इस साल की यात्रा के लिए क्या नई व्यवस्थाएं की गई हैं और कितने भक्तों को प्रतिदिन दर्शन का अवसर मिलेगा।

पाँच बजे शाम को खुलेगा मंदिर का गर्भगृह

सबरिमला स्थित अयप्पा मंदिर का गर्भगृह आज शाम 5 बजे पूर्व प्रधान पुजारी पी.एन. महेश नंबूदिरी द्वारा खोला जाएगा। वहीं, श्रद्धालुओं को पहाड़ चढ़ने की अनुमति आज दोपहर 1 बजे से दी जाएगी। विशेष तौर पर इस दौरान मकरविलक्कू महोत्सव के दौरान मंदिर में विशेष पूजा और अनुष्ठान होंगे, जिससे मंदिर का माहौल और भी अधिक भक्तिमय हो जाएगा।

Sabarimala temple के दरवाजे आज से खुलेंगे, कितने भक्तों को मिलेगा दर्शन का अवसर? जानें पूरी जानकारी

पुजारियों की नियुक्ति और अन्य धार्मिक कार्य

मंदिर की प्रमुख पूजा-अर्चना का संचालन करने के लिए नए मेलनसंति (मुख्य पुजारी) एस. अरुण कुमार नंबूदिरी और वासुदेवन नंबूदिरी को नियुक्त किया गया है। ये दोनों पुजारी आज से अपने-अपने कर्तव्यों का निर्वाह करेंगे। इसके अलावा, उपदेवता मंदिर का उद्घाटन और पवित्र अग्नि का औपचारिक स्थानांतरण भी शुक्रवार को किया गया।

सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सजग

सबरीमाला मंदिर में सुरक्षा की दृष्टि से इस बार के तीर्थ यात्रा मौसम को लेकर कई कड़े इंतजाम किए गए हैं। केरल के पुलिस प्रमुख शेख दरवेश साहेब ने गुरुवार को मंदिर का दौरा किया और सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस बार कुल 299 सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है, जिसमें 144 कर्मी पम्पा, 160 कर्मी निलक्कल में और एक ड्यूटी मजिस्ट्रेट तथा एक कार्यकारी मजिस्ट्रेट सन्निधानम में तैनात रहेंगे। इसके अलावा, आपातकालीन संचालन केंद्र भी सन्निधानम, निलक्कल और पम्पा में खोले गए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में तत्काल मदद उपलब्ध कराई जा सके।

चढ़ाई के मार्गों पर विशेष ध्यान

पिछले सीजन में जहां 50 लाख से ज्यादा श्रद्धालु इस तीर्थ यात्रा में सम्मिलित हुए थे, वहीं इस साल भी भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। प्रशासन ने पम्पा, एरुमेली, चेंगन्नूर, कुमिली, एट्टुमानूर और पुनलुर जैसे प्रमुख बेस स्टेशनों पर आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं। इन स्टेशनों पर यात्री सुविधा, बस सेवाओं में वृद्धि, और अन्य महत्वपूर्ण इंतजाम किए गए हैं।

आधिकारिक रूप से शुरू होगी यात्रा, लेकिन कितने श्रद्धालु होंगे शामिल?

इस वर्ष, मंदिर के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को पहले आभासी पंक्ति (Virtual Queue) में रजिस्ट्रेशन करना होगा। हर दिन 70,000 श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए स्लॉट मिलेंगे, वहीं अतिरिक्त 10,000 स्लॉट पम्पा, एरुमेली और वदिपेरियार में काउंटरों के माध्यम से उपलब्ध होंगे। इस व्यवस्था के तहत श्रद्धालु अपनी यात्रा की योजना पहले से ही ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से कर सकेंगे और मौके पर भी स्लॉट प्राप्त कर सकते हैं।

मंदिर रहेगा खुले 18 घंटे प्रतिदिन

सबरीमाला मंदिर इस साल 18 घंटे प्रतिदिन खुले रहेगा, जिससे अधिक से अधिक भक्त दर्शन कर सकेंगे। सुबह 3 बजे से लेकर शाम 9 बजे तक दर्शन की अनुमति होगी। यह विशेष व्यवस्था भक्तों को बिना किसी अवरोध के दर्शन करने का अवसर देगी, जिससे लंबी कतारों और अत्यधिक भीड़ की समस्या में कमी आएगी।

मकरविलक्कू महोत्सव के दौरान विशेष आयोजन

मकरविलक्कू महोत्सव 14 जनवरी को होगा, और इस अवसर पर मंदिर में विशेष पूजा और अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे। इस दिन विशेष तौर पर भगवान अयप्पा की पूजा के साथ-साथ एक विशाल रैली और धार्मिक आयोजन भी होंगे। यह दिन मंदिर के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस दिन श्रद्धालुओं की संख्या सबसे अधिक होती है।

भविष्य में क्या उम्मीदें हैं?

इस बार की तीर्थ यात्रा को लेकर प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने काफी बेहतर तैयारी की है। इसके अलावा, डिजिटल और ऑनलाइन सिस्टम की मदद से श्रद्धालुओं को अपने दर्शन की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने का प्रयास किया गया है। इन सभी प्रयासों से उम्मीद जताई जा रही है कि इस वर्ष तीर्थ यात्रा का आयोजन शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से संपन्न होगा।

सबरीमाला मंदिर के दर्शन के लिए तैयार होने वाले श्रद्धालु इस सीजन में सुविधाओं और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखते हुए यात्रा करेंगे। प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है और श्रद्धालुओं के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं। एक तरफ जहां भक्तों का इंतजार खत्म होने वाला है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन इस बार सुरक्षा और सुविधा को लेकर पूरी तरह सजग है। अब यह देखना होगा कि इस बार की तीर्थ यात्रा कितनी सफल होती है और श्रद्धालु किस प्रकार से इस अनुभव का आनंद उठाते हैं।

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