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Republic Day Parade 2025 में पहली बार हिस्सा लेगा मौसम विभाग का झांकी, 150 साल की यात्रा को देखेंगे लोग

इस बार Republic Day Parade 2025 में एक खास झांकी देखने को मिलेगी, जिसे पहले कभी नहीं देखा गया। पहली बार मौसम विभाग का झांकी राजपथ पर दिखाई देगा। यह झांकी पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन भारतीय मौसम विभाग (IMD) द्वारा तैयार की गई है, और यह अपने 150 वर्षों की यात्रा को दर्शाएगी। इस झांकी के माध्यम से लोग मौसम विभाग के कामकाज के साथ-साथ मौसम पूर्वानुमान और चेतावनियों की प्रणाली को भी देख सकेंगे। इस बार की झांकी का थीम है “सुनहरा भारत: धरोहर और विकास”, जो विभाग के 150 वर्षों की यात्रा को दर्शाएगा।

मौसम विभाग का ऐतिहासिक सफर

भारतीय मौसम विभाग की स्थापना 1875 में हुई थी, और इसका नेतृत्व किया था एचएफ ब्लैनफोर्ड ने। ब्लैनफोर्ड को “मौसम रिपोर्टर” की उपाधि दी गई थी। भारतीय मौसम विभाग ने समय-समय पर कई महत्वपूर्ण विकास किए, जिनकी कहानी इस झांकी के माध्यम से बताई जाएगी। विभाग की यात्रा का पहला कदम 1877 में कोलकाता में स्थित अलीपुर में पहले वेधशाला की स्थापना के साथ रखा गया। यहां से विभाग ने आकाशीय घटनाओं का अध्ययन शुरू किया। इसके बाद, 1878 में मौसम संबंधी संदेशों के लिए टेलीग्राफिक कोड की शुरुआत हुई, 1882 में टेलीफोन स्विच बोर्ड स्थापित किए गए, और 1887 में एक्सप्रेस टेलीग्राम सेवा शुरू की गई।

Republic Day Parade 2025 में पहली बार हिस्सा लेगा मौसम विभाग का झांकी, 150 साल की यात्रा को देखेंगे लोग

विभाग की विकास यात्रा

भारतीय मौसम विभाग के इतिहास में कई अहम मोड़ आए हैं, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण मील के पत्थर निम्नलिखित हैं:

  1. 1890 में वर्षा मापने के यंत्र का सामान्य प्रकार अपनाया गया।
  2. 1921 में शिमला से पहला विमानन पूर्वानुमान जारी किया गया।
  3. 1932 में कृषि मौसम संबंधी शोध कार्यों के लिए एक अलग विभाग का गठन किया गया।
  4. 2007 से 2012 के बीच विभाग के आधुनिकीकरण का कार्यक्रम चलाया गया।

इन विकास कार्यों ने भारतीय मौसम विभाग को दुनिया के सबसे प्रभावशाली और विश्वसनीय मौसम पूर्वानुमान प्रणालियों में से एक बना दिया।

भारतीय मौसम विभाग के नए प्रयास

आज के समय में भारतीय मौसम विभाग ने कई नई सुविधाओं की शुरुआत की है, जिनसे लोगों को मौसम संबंधी जानकारी मुहैया कराई जा रही है। इनमें से कुछ प्रमुख सेवाएं निम्नलिखित हैं:

  • 2012 में ग्रामीण कृषि मौसम सेवा (GKMS) की शुरुआत की गई। इस सेवा के तहत किसानों को मौसम के बारे में जानकारी दी जाती है ताकि वे अपनी फसल और कृषि कार्यों की योजना बेहतर तरीके से बना सकें।
  • 2009 में आपदा प्रबंधन सेवाओं की शुरुआत की गई, ताकि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में सहायता मिल सके।
  • 2013 में मछुआरों और किसानों के लिए SMS सेवाओं की शुरुआत की गई। इसके माध्यम से उन्हें समुंदर के मौसम और कृषि कार्यों के बारे में त्वरित जानकारी मिलती है।
  • 2014-2023 तक मौसम पूर्वानुमान सेवाओं में तेजी से बदलाव और सुधार हुआ। विभाग अब 1200 स्थानों के लिए नाउकास्ट (Nowcast) और शहरों के लिए पूर्वानुमान प्रदान करता है। इसके अलावा, जिला स्तर और क्षेत्रीय पूर्वानुमान तथा चेतावनियां भी दी जाती हैं।

गणतंत्र दिवस परेड में मौसम विभाग की झांकी

IMD के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि यह सच है कि इस बार मौसम विभाग की झांकी गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार भाग लेगी। यह विभाग की 150 वर्षों की यात्रा का एक महत्वपूर्ण मोड़ है। इस झांकी के माध्यम से हम विभाग की प्रमुख उपलब्धियों को दिखाएंगे, साथ ही यह दर्शाया जाएगा कि आज के समय में मौसम विभाग किस प्रकार अत्याधुनिक तकनीक से लैस है।

झांकी में विभाग के इतिहास, इसके विकास, और विभिन्न सेवाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसमें विभाग की विभिन्न कार्यप्रणालियों का प्रदर्शन किया जाएगा, जैसे कि मौसम पूर्वानुमान, तूफान की चेतावनी, और विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के बारे में त्वरित जानकारी प्रदान करना। इसके साथ ही, झांकी में भारतीय मौसम विभाग द्वारा किए गए विभिन्न विकास कार्यों को भी प्रदर्शित किया जाएगा, जो भारत की कृषि, मछली पालन और आपदा प्रबंधन में योगदान दे रहे हैं।

मौसम विभाग का योगदान और भविष्य

भारतीय मौसम विभाग का योगदान देश के विभिन्न क्षेत्रों में बेहद महत्वपूर्ण है। यह न केवल कृषि और मछली पालन के लिए सहायक है, बल्कि यह प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए भी बेहद प्रभावी है। विभाग की आधुनिक प्रणाली अब मौसम के पूर्वानुमान में अत्यधिक सटीकता और तेजी से सुधार ला रही है। इसके साथ ही, विभाग ने 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए कई नए कदम उठाए हैं, जैसे कि उच्च तकनीक वाले मौसम उपग्रहों की लॉन्चिंग और आईटी सिस्टम के द्वारा डेटा प्रोसेसिंग।

आने वाले समय में भारतीय मौसम विभाग के कार्यक्षेत्र में और भी सुधार होंगे। आने वाले दशकों में यह विभाग और भी अधिक तकनीकी उन्नति करेगा, जिससे देश के नागरिकों को मौसम से संबंधित जानकारी और भी सटीक और समय पर मिल सकेगी।

गणतंत्र दिवस परेड 2025 में मौसम विभाग की झांकी का हिस्सा बनना भारतीय मौसम विभाग के 150 वर्षों की उपलब्धियों का प्रतीक है। इस झांकी के माध्यम से लोग मौसम विभाग के इतिहास, इसके योगदान और भविष्य की दिशा को समझ सकेंगे। यह न केवल भारतीय मौसम विभाग की सफलता को दर्शाएगी, बल्कि यह भी दिखाएगी कि कैसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में मदद की है।

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