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Train Accident: कोलकाता में रेल दुर्घटना, सिकंदराबाद-शालीमार एक्सप्रेस की तीन बोगियां पटरी से उतरीं

Train Accident: आज 9 नवंबर 2024 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता जिले के नालपुर में एक बड़ा ट्रेन हादसा हुआ। सिकंदराबाद से शालीमार जा रही एक्सप्रेस ट्रेन के तीन कोच पलट गए, जिनमें से एक पार्सल वैन और दो अन्य कोच शामिल हैं। यह हादसा सुबह 5:31 बजे के आसपास हुआ था, लेकिन अब तक इस घटना में किसी के घायल होने या मरने की कोई सूचना नहीं है। इस हादसे के बाद यात्रियों के लिए 10 बसों का इंतजाम किया गया है, ताकि उन्हें आगे के सफर में कोई कठिनाई न हो।

दुर्घटना का विवरण

सिकंदराबाद-शालीमार एक्सप्रेस के तीन कोचों के पलटने की घटना उस वक्त हुई जब ट्रेन मध्य मार्ग से डाउन लाइन की ओर जा रही थी। दक्षिण-पूर्व रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि इस हादसे में किसी प्रकार का गंभीर चोट या मौत का कोई समाचार नहीं है। हालांकि, रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं और राहत कार्यों को तेज कर दिया गया है। यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने सभी जरूरी इंतजाम किए हैं।

प्रभावित यात्रियों के लिए सहायता

रेलवे ने यात्रियों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की जानकारी मिल सके या किसी आपात स्थिति में मदद मिल सके। इन हेल्पलाइन नंबरों पर यात्री किसी भी जानकारी के लिए संपर्क कर सकते हैं।

  • शालीमार: 6295531471
  • सांतरागाछी: 98312 43655, 89102 61621
  • खड़गपुर: 63764 (रेलवे)
  • पाटलिपुत्र: 032229-3764
  • हावड़ा: 75950 74714

इसके अलावा, रेलवे प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि दुर्घटनाग्रस्त स्थान पर सभी आवश्यक कार्य किए जा रहे हैं और जल्द से जल्द यात्री सेवाओं को सामान्य किया जाएगा।

पिछले कुछ दिनों में हुए अन्य रेल हादसे

पिछले कुछ हफ्तों में देश के विभिन्न हिस्सों में रेल दुर्घटनाओं की घटनाएँ बढ़ी हैं। कुछ दिनों पहले तमिलनाडु और असम में भी इसी तरह के हादसे हुए थे। तमिलनाडु में बॉदिनायकनूर जा रही एक्सप्रेस ट्रेन का पहिया पटरी से उतर गया था। वहीं असम के लुमडिंग-बदर्पुर हिल इलाके में एक मालगाड़ी का एक कोच पटरी से उतर गया था, जिससे इस मार्ग पर कई ट्रेनों के संचालन में बाधा आई थी।

Train Accident: कोलकाता में रेल दुर्घटना, सिकंदराबाद-शालीमार एक्सप्रेस की तीन बोगियां पटरी से उतरीं

ये घटनाएँ रेल नेटवर्क की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाती हैं, जिन पर रेलवे प्रशासन और सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है।

रेल दुर्घटनाओं में कमी

हालांकि, भारतीय रेलवे ने पिछले कुछ वर्षों में रेल दुर्घटनाओं की संख्या में महत्वपूर्ण कमी देखी है। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले महीने कोलकाता स्थित सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ब्रैथवेट एंड कंपनी का निरीक्षण करते हुए कहा कि 10 साल पहले रेलवे में हर साल 171 दुर्घटनाएँ होती थीं, जो अब घटकर 40 तक रह गई हैं। यह सुधार रेलवे प्रशासन की कड़ी मेहनत और सुरक्षा उपायों के परिणामस्वरूप हुआ है।

पिछले पांच वर्षों में रेल दुर्घटनाएँ

पिछले पांच वर्षों में कुल 200 रेल दुर्घटनाएँ हुई हैं, जिनमें से 351 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 970 लोग घायल हुए हैं। यह आंकड़े भारतीय रेलवे के 17 रेलवे क्षेत्रों से प्राप्त किए गए हैं और हिंदू अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, यह आंकड़ा रेल सुरक्षा के दृष्टिकोण से काफी चिंताजनक है।

इन घटनाओं में अधिकांश दुर्घटनाएँ ट्रेन के पटरी से उतरने, रेल क्रॉसिंग पर दुर्घटनाओं और तकनीकी खराबी के कारण हुई हैं। इन घटनाओं ने भारतीय रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और इस दिशा में सुधार की आवश्यकता को और अधिक स्पष्ट किया है।

रेल सुरक्षा में सुधार की दिशा

भारतीय रेलवे ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सुरक्षा के मामलों में लगातार सुधार के लिए रेलवे ने ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोविजनिंग सिस्टम (ATP), ट्रैक फिटनेस निगरानी और उन्नत सिग्नल प्रणाली जैसे तकनीकी उपायों को लागू किया है। इसके अलावा, ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे द्वारा दुर्घटना राहत ट्रेनों की तैनाती और हादसों के बाद तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।

भारतीय रेलवे ने दुर्घटनाओं के संभावित कारणों की पहचान करने और उन्हें रोकने के लिए कई उपायों पर काम किया है, जिसमें प्रमुख तकनीकी सुधारों, कर्मचारियों की ट्रेनिंग, और रेलवे ट्रैक की नियमित निगरानी शामिल है।

रेल मंत्रालय की प्राथमिकताएँ

रेल मंत्रालय के लिए रेल दुर्घटनाओं की रोकथाम हमेशा प्राथमिकता रही है। मंत्रालय ने अपनी योजनाओं में सुसंगत सुधार करने के लिए निवेश बढ़ाया है, ताकि यात्री सुरक्षित रहें। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए रेलवे ने पटरी के निरीक्षण और बोगी के निरीक्षण के कार्यक्रमों को मजबूत किया है। इसके साथ ही, आधुनिकतम तकनीक का इस्तेमाल करके रेलवे ने ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं।

सिकंदराबाद-शालीमार एक्सप्रेस के तीन कोचों के पलटने की यह घटना भारतीय रेलवे की सुरक्षा व्यवस्थाओं के लिए एक चेतावनी है। हालांकि इस हादसे में किसी भी प्रकार की गंभीर चोट या मौत की खबर नहीं आई है, लेकिन यह घटनाएँ हमें रेलवे सुरक्षा के महत्व और इसके सुधार की आवश्यकता को फिर से याद दिलाती हैं। रेलवे प्रशासन और सरकार को चाहिए कि वे सुरक्षा संबंधी कदमों को और तेज करें ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके और यात्रियों को सुरक्षित यात्रा की सुविधा मिल सके।

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