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Transport Department’s strictness: पंजाब में 600 बसों के परमिट रद्द, 122 बसें बादल परिवार की भी शामिल

Transport Department’s strictness: पंजाब में परिवहन विभाग ने अवैध रूप से जारी किए गए परमिट पर चलने वाली बसों के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए 600 बसों के परमिट रद्द कर दिए हैं। इनमें 122 बसें बादल परिवार की भी शामिल हैं, जो शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेताओं से संबंधित हैं। इसके साथ ही, कांग्रेस नेताओं की बसें भी इस कार्रवाई की चपेट में आई हैं। यह कदम राज्य में परिवहन के क्षेत्र में समान अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।

Transport Department's strictness: पंजाब में 600 बसों के परमिट रद्द, 122 बसें बादल परिवार की भी शामिल

अवैध परमिट जारी करने के खिलाफ सख्त कार्रवाई

पंजाब के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने इस मामले पर जानकारी देते हुए कहा कि 2007 से 2017 के बीच, शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस सरकार के शासनकाल में परिवहन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर अवैध परमिट जारी किए गए थे। उस समय की सरकारों के मंत्री और नेता भी इसमें शामिल थे। भुल्लर ने बताया कि इस मामले की पूरी जांच करने के बाद ही परमिट रद्द करने की कार्रवाई की गई है।

भुल्लर ने यह भी कहा कि यह कदम सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो सभी को परिवहन के क्षेत्र में समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई पंजाब मोटर व्हीकल्स रूल्स, 1989 के नियम 80-ए के तहत जारी किए गए सभी समग्र परमिटों (कम्पोज़िट परमिट) की जांच के बाद की गई है। इस कदम का उद्देश्य अवैध परमिटों के उपयोग से जुड़ी अनियमितताओं को समाप्त करना और परिवहन क्षेत्र में पारदर्शिता स्थापित करना है।

अवैध परमिट और क्लबिंग का खुलासा

परिवहन विभाग द्वारा की गई जांच में कई अनियमितताएं सामने आईं। जांच में यह भी पता चला कि कई बसें एक ही परमिट पर चलाई जा रही थीं, जो स्पष्ट रूप से अवैध था। इन अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने अवैध रूप से चल रही बसों के परमिट रद्द करने का निर्णय लिया। इसके तहत 600 बसों के परमिट रद्द कर दिए गए, जिनमें से 122 बसें बादल परिवार से संबंधित हैं।

परिवहन मंत्री भुल्लर ने बताया कि यह कार्रवाई एक व्यापक जांच प्रक्रिया के बाद की गई है, जिसका उद्देश्य परिवहन क्षेत्र में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उन सभी मामलों की समीक्षा की, जहां अवैध रूप से परमिट जारी किए गए थे, और इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की राजनीतिक या आर्थिक दबाव की अनदेखी की गई।

बड़े बस ऑपरेटरों का गठजोड़ खत्म करने की कोशिश

इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य बड़े बस ऑपरेटरों के बीच बने गठजोड़ को तोड़ना है, जो अवैध रूप से परमिट क्लबिंग करके अनुचित लाभ ले रहे थे। भुल्लर ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि छोटे और मध्यम बस ऑपरेटरों को समान अवसर मिले और उन्हें बड़े ऑपरेटरों की अनियमितताओं का शिकार न बनना पड़े।

परिवहन मंत्री ने यह भी कहा कि इस कदम से राज्य में बस संचालन की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और बड़े बस ऑपरेटरों के गलत तरीके से प्राप्त लाभों को समाप्त किया जाएगा। सरकार की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश दिया गया है कि राज्य में कोई भी व्यक्ति अवैध गतिविधियों में लिप्त होकर कानून से ऊपर नहीं है।

परिवहन क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता

पंजाब का परिवहन क्षेत्र लंबे समय से विवादों में रहा है। अवैध परमिट, बसों की अनियमित संख्या, और नियमों की अनदेखी जैसे मुद्दे इस क्षेत्र में आम हो गए थे। बड़े बस ऑपरेटरों और नेताओं की मिलीभगत से छोटे ऑपरेटरों को उनके व्यवसाय में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। सरकार की इस कार्रवाई ने इन अनियमितताओं को दूर करने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया है।

परिवहन मंत्री भुल्लर ने कहा कि यह कार्रवाई सिर्फ शुरुआत है। सरकार परिवहन क्षेत्र में और भी सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके तहत नए नियम और प्रक्रियाएं लागू की जाएंगी, जो सभी ऑपरेटरों के लिए समान होंगी। छोटे और मध्यम बस ऑपरेटरों को विशेष रूप से इसका लाभ मिलेगा, क्योंकि अब बड़े ऑपरेटरों की तरह उन्हें भी समान अवसर मिलेंगे।

राजनीतिक दबाव और भ्रष्टाचार पर अंकुश

भुल्लर ने यह भी बताया कि इस कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि पंजाब सरकार राजनीतिक दबाव या भ्रष्टाचार के सामने नहीं झुकेगी। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई राज्य में शासन की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। परिवहन विभाग को साफ-सुथरा और प्रभावी बनाने के लिए सरकार भ्रष्टाचार पर और भी सख्त कार्रवाई करेगी।

इसके साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर वे किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों में लिप्त पाए गए, तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि पंजाब का परिवहन विभाग पूरी तरह से पारदर्शी और कानून का पालन करने वाला बने।

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