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Haridwar में गंगा नदी में डूबने से गुजरात के दो मासूम बच्चों की मौत

Haridwar, उत्तराखंड में बुधवार को एक हृदयविदारक घटना घटी, जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया। गंगा नदी में स्नान के दौरान गुजरात के एक परिवार के दो मासूम बच्चों की डूबने से मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, यह घटना सुबह 10 बजे संतमत घाट, सप्तऋषि क्षेत्र, उत्तरी हरिद्वार में हुई। इस दर्दनाक हादसे के बाद से परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है।

स्नान के दौरान बह गए भाई-बहन

गुजरात के तापी जिले के बाजीपुरा गांव निवासी विपुल भाई पवार अपने परिवार के साथ हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए आए थे। स्नान के दौरान उनकी 13 वर्षीय बेटी प्रत्युषा और 6 वर्षीय बेटा दर्श अचानक गंगा की तेज धारा में बहने लगे। घाट पर मौजूद परिवार के सदस्यों और अन्य श्रद्धालुओं ने बच्चों को बचाने की कोशिश की, लेकिन गंगा की तेज धारा और गहराई के कारण बच्चे आंखों से ओझल हो गए।

परिवार पर दुख का पहाड़ टूटा

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जल पुलिस व गोताखोरों की मदद से बच्चों की खोजबीन शुरू की। कुछ देर बाद बच्चों को ठोकर नंबर 13 के पास पानी से बेहोशी की हालत में बाहर निकाला गया। पुलिस ने बताया कि दोनों को तुरंत हरिद्वार जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

घटना के बाद बच्चों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए सुरक्षित रखा गया है। इस हादसे ने न केवल परिवार को बल्कि घाट पर मौजूद अन्य श्रद्धालुओं को भी गमगीन कर दिया।

हरिद्वार में स्नान के दौरान बढ़ती दुर्घटनाएं

हरिद्वार एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां हर दिन हजारों श्रद्धालु गंगा में स्नान करने आते हैं। हालांकि, यहां स्नान के दौरान दुर्घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। गंगा की तेज धारा और गहराई के कारण कई बार अनजाने में श्रद्धालु हादसों का शिकार हो जाते हैं।

Haridwar में गंगा नदी में डूबने से गुजरात के दो मासूम बच्चों की मौत

सावधानी बरतने की जरूरत

ऐसे हादसों से बचने के लिए घाटों पर सुरक्षा इंतजाम और श्रद्धालुओं की जागरूकता बेहद जरूरी है।

  1. घाटों पर चेतावनी बोर्ड: सभी घाटों पर चेतावनी बोर्ड और गाइडलाइन स्पष्ट रूप से लिखी होनी चाहिए।
  2. लाइफ जैकेट का उपयोग: बच्चों और कमजोर तैराकों को गंगा में स्नान करते समय लाइफ जैकेट पहननी चाहिए।
  3. सुरक्षा कर्मियों की तैनाती: घाटों पर पर्याप्त संख्या में सुरक्षा कर्मी और गोताखोर मौजूद होने चाहिए।
  4. तेज धारा वाले क्षेत्रों से बचाव: घाटों के उन हिस्सों को चिन्हित किया जाना चाहिए, जहां तेज धारा होती है, और वहां जाने से रोकने के लिए बैरिकेड लगाए जाएं।

परिवार के लिए अपूरणीय क्षति

इस हादसे ने परिवार पर दुख का पहाड़ तोड़ा है। प्रत्युषा और दर्श की असमय मृत्यु ने न केवल माता-पिता बल्कि पूरे परिवार को शोक में डुबो दिया है। इस घटना से घाट पर मौजूद अन्य श्रद्धालु भी गमगीन हो गए।

प्रशासन की जिम्मेदारी

हरिद्वार प्रशासन को इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

  • सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन कराया जाए।
  • स्नान के दौरान विशेष रूप से बच्चों के लिए सतर्कता बरती जाए।
  • स्थानीय गाइड और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती बढ़ाई जाए।

हरिद्वार में गंगा नदी में डूबने की घटनाएं श्रद्धालुओं के लिए चिंता का विषय हैं। गंगा में स्नान करते समय सुरक्षा नियमों का पालन करना और प्रशासन का सतर्क रहना अत्यंत आवश्यक है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि धार्मिक आस्था के साथ-साथ सुरक्षा भी प्राथमिकता होनी चाहिए। बच्चों की यह दुखद मृत्यु हरिद्वार प्रशासन और श्रद्धालुओं दोनों के लिए एक सबक है।

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