Uttarakhand: उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को प्रशासनिक सेवा में बड़ा फेरबदल करते हुए आईएएस और पीसीएस अधिकारियों के विभागों में व्यापक परिवर्तन किया है। यह ट्रांसफर एक्सप्रेस प्रदेश के प्रशासनिक तंत्र को दुरुस्त करने और सुचारू रूप से कामकाज को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। कुल 45 अधिकारियों के विभागों में बदलाव किया गया है, जिसमें 39 आईएएस अधिकारी शामिल हैं। इस फेरबदल के तहत कई प्रमुख विभागों के सचिव और प्रधान सचिव बदले गए हैं, जिससे राज्य के प्रशासन में एक नई दिशा और गति मिलने की उम्मीद है।
प्रमुख सचिवों के विभागों में बड़ा बदलाव
इस प्रशासनिक फेरबदल के तहत 1997 बैच के आईएएस अधिकारी रमेश कुमार सुधांशु को राजस्व विभाग के प्रधान सचिव पद से हटा दिया गया है। हालांकि, उन्हें मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव और वन, पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव पद पर बरकरार रखा गया है। इसके अलावा, राज्य के एक और वरिष्ठ अधिकारी, 1997 बैच के लालिरान लैना फनाई को अल्पसंख्यक कल्याण और वक्फ विकास निगम के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। उनके स्थान पर रंजीत कुमार सिन्हा को ये दोनों जिम्मेदारियाँ दी गई हैं।
रंजीत कुमार सिन्हा को मिली नई जिम्मेदारी
रंजीत कुमार सिन्हा को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का प्रधान सचिव और वक्फ विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं, फनाई को अब आबकारी विभाग और खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही उन्हें परिवहन विभाग के अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन तबादलों से सरकार के कामकाज में तेजी आने की उम्मीद की जा रही है, जिससे विभिन्न योजनाओं और नीतियों का क्रियान्वयन प्रभावी ढंग से किया जा सकेगा।
अन्य सचिव स्तर के अधिकारियों का फेरबदल
इसके अलावा, आठ अन्य सचिव स्तर के अधिकारियों के विभागों में भी परिवर्तन किया गया है। दीपक रावत को मुख्यमंत्री के सचिव आर. मीनाक्षी की जगह अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, रविनाथ रमन को शैलेश बगौली की जगह उच्च शिक्षा सचिव बनाया गया है। पंकज कुमार पांडे को आर. मीनाक्षी की जगह नया श्रम सचिव और उत्तराखंड भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
इस फेरबदल के तहत राज्य के विभिन्न महत्वपूर्ण विभागों में सचिव स्तर के अधिकारियों के बीच कामकाज में समन्वय और जवाबदेही को बेहतर बनाने की कोशिश की गई है। राज्य के प्रशासन में इस तरह का बड़ा बदलाव यह दर्शाता है कि सरकार विकास योजनाओं और जनहित कार्यों को तेज गति से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
आईएफएस और पीसीएस अधिकारियों का तबादला
इन तबादलों में एक भारतीय वन सेवा (आईएफएस) और पाँच प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) अधिकारियों का भी नाम शामिल है। यह फेरबदल राज्य के प्रशासनिक तंत्र को सुचारू रूप से चलाने और सरकार की नीतियों और योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है। राज्य के विकास और जनसेवा में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को उनके कौशल और अनुभव के आधार पर जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं।
प्रमुख बदलावों का उद्देश्य
उत्तराखंड सरकार द्वारा किए गए इस बड़े फेरबदल का मुख्य उद्देश्य राज्य के प्रशासनिक तंत्र में सुधार लाना है। राज्य सरकार का मानना है कि विभिन्न विभागों में नए अधिकारियों की नियुक्ति से विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी और जनहित से जुड़ी समस्याओं का समाधान अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सकेगा। इसके अलावा, सरकार का यह कदम अधिकारियों के बीच जिम्मेदारियों का समुचित बंटवारा करने और विभिन्न विभागों में समन्वय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी उठाया गया है।
अधिकारियों की नियुक्ति में पारदर्शिता
उत्तराखंड सरकार द्वारा इस प्रकार का व्यापक फेरबदल करना यह संकेत देता है कि राज्य में प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा दिया जा रहा है। अधिकारियों की नियुक्ति में उनके अनुभव और विभागों में उनके पिछले प्रदर्शन को ध्यान में रखा गया है, ताकि राज्य के विकास में योगदान को सुनिश्चित किया जा सके।
प्रशासनिक सुधार की दिशा में कदम
राज्य सरकार के इस कदम को प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह तबादले न केवल अधिकारियों के कामकाज में सुधार लाने की दिशा में हैं, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी हैं कि विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं का क्रियान्वयन समय पर और उचित रूप से हो। इसके अलावा, यह तबादले यह सुनिश्चित करते हैं कि अधिकारी अपने कौशल के अनुसार सही विभाग में काम करें, जिससे प्रशासनिक कार्यकुशलता में वृद्धि हो सके।
निष्कर्ष
उत्तराखंड सरकार द्वारा किए गए इस व्यापक प्रशासनिक फेरबदल से यह स्पष्ट होता है कि राज्य में विकास योजनाओं और जनहित कार्यों को तेज गति से आगे बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। 39 आईएएस अधिकारियों सहित कुल 45 अधिकारियों का तबादला राज्य के प्रशासनिक तंत्र को और अधिक चुस्त-दुरुस्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उम्मीद है कि इन तबादलों से राज्य में प्रशासनिक कार्यकुशलता में वृद्धि होगी और सरकार की विभिन्न योजनाओं और नीतियों का क्रियान्वयन और अधिक प्रभावी ढंग से हो सकेगा।