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Vande Bharat Train: वंदे स्लीपर की एसी सुविधा होगी मौसम के अनुकूल, यात्रियों को मिलेगी गरम पानी से स्नान की सुविधा

Vande Bharat Train: भारतीय रेलवे द्वारा लॉन्च की गई वंदे भारत मेट्रो के बाद, अब देश की पहली वंदे स्लीपर ट्रेन भी तैयार है। यह ट्रेन 20 सितंबर को फैक्ट्री से बाहर आ जाएगी और दिसंबर तक परीक्षणों के बाद यात्रियों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। वंदे स्लीपर को राजधनी और शताब्दी ट्रेनों से बेहतर सुविधाओं, सुरक्षा, आराम और दक्षता के साथ डिजाइन किया गया है।

मौसम के अनुसार एसी की सुविधा

वंदे स्लीपर की विशेषताएं मौसम के अनुसार एयर-कंडीशनिंग को ऑटोमेटिकली एडजस्ट करने की क्षमता से लैस हैं। यात्रियों को ठंडा या गर्म करने के लिए कोई बटन दबाने की जरूरत नहीं होगी, जिससे उन्हें यात्रा के दौरान आरामदायक तापमान मिलता रहेगा। इसके अलावा, यात्रियों को यात्रा के दौरान पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती रहेगी, जो कि कोरोना के बाद से एक महत्वपूर्ण पहलू बन गया है।

विश्वस्तरीय सुविधाएं

वंदे स्लीपर में राजधनी और शताब्दी ट्रेनों की तुलना में विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इसमें कैमरे, उच्च स्तर की अग्नि सुरक्षा, विशेष बर्थ और विकलांग व्यक्तियों के लिए शौचालय, ऑटोमैटिक दरवाजे, सेंसोर आधारित इंटर-कम्युनिकेशन दरवाजा, बड़ा सामान रखने का कमरा, चार्जिंग सुविधा, पढ़ने की लाइट, अंदर का डिस्प्ले पैनल और मॉड्यूलर पेंट्री शामिल हैं।

गर्म पानी से स्नान की सुविधा

पहली श्रेणी के कोच में यात्रियों के लिए गर्म पानी से स्नान की सुविधा भी उपलब्ध होगी। इसके कारण, किराया 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। एसी कोच को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि ट्रेन चलते समय ऑक्सीजन की कमी न हो, जिससे कि यात्रा के दौरान ताजगी बनी रहे।

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स्टेनलेस स्टील का उपयोग

वंदे स्लीपर के बोगियों में स्टेनलेस स्टील का उपयोग किया गया है, जिससे सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है। प्रत्येक कोच का वजन लगभग दो टन कम होता है, जो ऊर्जा दक्षता में सुधार लाएगा और कार्बन फुटप्रिंट को कम करेगा। इसके अलावा, एक पूर्ण आर्मर सिस्टम स्थापित किया जाएगा ताकि ट्रेनों के बीच टकराव को रोका जा सके।

यात्री क्षमता

वंदे स्लीपर में तीन श्रेणियों के बोगी होंगे और कुल 823 यात्रियों को एक यात्रा में सोने की सुविधा मिलेगी। इसमें 11 एसी तीन-स्तरीय बोगी होंगी, जिनकी कुल क्षमता 611 यात्रियों की होगी। चार एसी दो-स्तरीय बोगी में 188 यात्री यात्रा कर सकेंगे। पहली श्रेणी के केवल एक कोच में 24 यात्रियों की क्षमता होगी। हालांकि, रेलवे भी उन मार्गों पर 24 कोच लगाने की योजना बना रही है जहां यात्री संख्या अधिक है।

लंबी दूरी की यात्रा

वंदे स्लीपर को विशेष रूप से लंबी दूरी की यात्रा के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह ट्रेन 800 से 1200 किलोमीटर की दूरी वाले शहरों के बीच चलाई जाएगी, और इसकी सामान्य गति 130 से 160 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। यात्रा के दौरान इसे एयरलाइन के बिजनेस क्लास की तरह महसूस किया जा सकता है, जिसमें आधुनिक सुविधाएं और आरामदायक यात्रा का अनुभव होगा।

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वंदे स्लीपर ट्रेन का लॉन्च भारतीय रेलवे की यात्रा और यातायात की दुनिया में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह ट्रेन न केवल सुविधाओं के मामले में बल्कि सुरक्षा और दक्षता के मामले में भी नई ऊंचाइयों को छूने का वादा करती है। इसकी शुरुआत से भारतीय यात्रियों को एक नई और बेहतर यात्रा का अनुभव मिलेगा।

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