जिला झज्जर बना धरनों का जिला
PTI, आढ़ती, आशा वर्कर और NHRM कर्मी दे रहे हैं धरना
सरकार नहीं कर रही कोई सुनवाई
मांगों को लेकर कई दिनों से धरने पर हैं सभी लोग
सत्यखबर झज्जर
झज्जर धरनों का जिला बनकर रह गया है जहां पर आए दिन अनेक संगठनों द्वारा धरने और प्रदर्शन किए जा रहे हैं….बात करें तो करीब 3 महीने से लगातार धरने और प्रदर्शन चल रहे हैं लेकिन मौजूदा सरकार है कि कर्मचारियों की कोई सुनवाई नहीं कर रही है….सभी कर्मचारियों का या तो संबंधित अधिकारियों पर या सरकार पर आक्रोश है कि उनकी सुनवाई नहीं की जा रही है
सबसे पहले बात करते हैं बर्खास्त पीटीआई के धरने की जिसको चलते हुए करीब 84 दिन हो चुके हैं..पीटीआई 84 दिन में स्थानीय प्रशासन और प्रदेश सरकार से बार-बार अपनी नौकरी बहाली की गुहार लगा चुके हैं लेकिन इनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है
वहीं आशा वर्करों की जो महीने भर से ज्यादा धरने पर बैठी हुई हैं…. इनकी मांग है कि दो हजार अट्ठारह में जो इनको मानदेय देने की बात कही गई थी उस शर्त को पूरा किया जाए….लेकिन 34 दिन बीत जाने के बाद भी इनकी भी सुनवाई नहीं हो रही
तो वहीं अनाज मंडी आढ़ती मजदूरी में से सरकार द्वारा 14.83 पैसे प्रति क्विंटल कटौती करने का विरोध कर रहे हैं….जिसके चलते वो सरकार से पूरी भरपाई की मांग कर रहे हैं….
आखिर में बात करते हैं एनआरएचएम वर्कर्स की जिनका आज धरने पर बैठे हुए तीसरा दिन है….इनका कहना है कि उनका हर साल कॉन्ट्रैक्ट साइन किया जाता है जिसमें किसी व्यक्ति को नौकरी से निकाले जाने के 3 महीने पहले ही आगाह कर दिया जाता है… लेकिन इस साल कॉन्ट्रैक्ट में इस तरह की शर्तें रखी गई हैं कि किसी भी कर्मचारी को एक ही दिन में नौकरी से निकाला जा सकता है जो कि सरासर गलत है
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तो देखा आपने किस तरह से एक ही जिले में इतने धरने प्रदर्शन हो रहे हैं….जो अपनी मांगो को लेकर सरकार से गुहार लगा रहे हैं..लेकिन सरकार है कि गूंगी बहरी हो चुकी है….जिनको इन कर्मियों की आवाज सुनाई ही नहीं देती है….
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