नेशनल हाईवे निर्माण के दौरान अधिगृहीत जमीन का मामला
5 गांव के लोगों ने आर-पार की लड़ाई लड़ने का लिया फैसला
उचित मुआवजा ने देने पर हाईवे निर्माण रोकने की चेतावनी
पांच गांवों के किसानों ने ज्ञापन सौंपकर दिया अल्टीमेटम
सत्यखबर चरखी दादरी
चरखी दादरी में ग्रीन कारिडोर 152डी नेशनल हाईवे निर्माण के दौरान अधिगृहत की गई जमीन का कलेक्टर रेट नहीं मिलने से खफा…पांच गांवों के किसानों ने एकजुट होते हुए आर-पार की लड़ाई लडऩे का फैसला लिया है…किसानों ने सीएम के नाम ज्ञापन सौंपते हुए प्रति एकड़ सवा करोड़ की मांग की है….साथ ही अल्टीमेटम दिया कि अगर उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिला तो वो निर्माणाधीन नेशनल हाईवे को रोक देंगे और फिर से धरना शुरू करते हुए आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।
किसानों ने बताया कि ग्रीन कारिडोर 152डी की अधिगृहत जमीन का कलेक्टर रेट पर मुआवजा मिलना चाहिए….अगर सरकार ने सवा करोड़ प्रति एकड़ मुआवजा नहीं दिया तो वो हाईवे निर्माण रोकते हुए अनिश्चितकालीन धरना देंगे
वहीं तहसीलदार अजय सैनी ने बताया कि किसानों द्वारा दिया गया ज्ञापन उचित माध्यम से सरकार को भिजवा दिया जाएगा…
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बता दें कि दादरी शहर के साथ लगते गांव ढाणी फौगाट, टिकान, खेड़ी, पातुवास और महराणा के किसानों द्वारा शहरी क्षेत्र के कलेक्टर रेट अनुसार जमीन का मुआवजा की मांग करते हुए धरना दिया था…कोरोना काल के दौरान किसानों ने धरना स्थगित कर दिया….इस दौरान नेशनल हाईवे का निर्माण कार्य भी शुरू हो गया। इसी दौरान पांच गांवों के किसान फिर से एकजुट हुए और पंचायत करते हुए उचित मुआवजा की मांग की.
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