कोरोना काल में हुए घोटाले की परतें खुलनी शुरु
आरटीआई से हुआ चौंकाने वाला खुलासा
SDM ऑफिस में मिले बिना टिन नंबर और जीएसटी फर्जी बिल
परचून की दुकान से बनवाये गए कपड़ा और कम्बलों के बिल
लाखों रुपये के फर्जी बिल बनवाकर किया सरकारी धन का दुरुपयोग
समाज सेवी संस्थाओं ने खोला अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा
पास किए गए बिलों पर उठाये सवाल, जांच कराने की मांग
सत्यखबर सोहना
सोहना में कोरोना कॉल के दौरान अधिकारियों द्वारा गरीब लोगों को समान वितरित करने के नाम पर लाखों रुपये की फर्जी बिल बनाकर सरकारी धन को हड़पने का मामला सामने आया है….मामले का खुलासा एक आरटीआई द्वारा मांगी गई रिपोर्ट के दौरान हुआ..
दरअसल मामला सोहना के एसडीएम ऑफिस का है जहां सोहना के एक युवक द्वारा आरटीआई लगाकर ये मांग की गई थी कि सोहना एसडीएम ऑफिस को सरकार द्वारा कितनी राशि भेजी गई…और कितनी राशि कहां-कहां पर खर्च की गई…जिसके जबाब में एसडीएम ऑफिस द्वारा करीब 10 लाख रुपये खर्च किये जाने और कुछ बिल अभी बाकी है का हवाला देते हुए आरटीआई का जबाब देते हुए जानकारी मुहैया कराई गई…लेकिन जब एसडीएम ऑफिस द्वारा जो बिल दिए गए है वो वास्तव में ही चौकाने वाले हैं
वहीं आरटीआई के बाद उजागर हुए फर्जी बिलो की पड़ताल करने के लिए जब हमारी टीम उस परचून की दुकान पर पहुची जहां से कंबल कपड़े चप्पल आदि के बिल बनवाये गए थे…जहां दुकान मालिक ने बताया कि हमने समान की किट बनाकर दी थी….लेकिन दुकान मालिक ये नहीं बता सका कि समान कितने रुपये का था और बिलों पर टिन नंबर और जीएसटी था या नहीं जिससे बिलों में घोलमाल करने का अंदेशा प्रतीत होता है
वहीं एसडीएम ऑफिस द्वारा पास किये गए बिलों को लेकर समाज सेवी संस्थाए भी बिलों पर सवाल उठाते हुए जांच कराने के लिए मोर्चा खोलती हुई नजर आने लगी हैं….कस्बे की एक समाज सेवी संस्था उन्नत्ति चेरीटेबल ट्रस्ट की चेयरपर्सन बबिता यादव ने क्या कुछ बताया वो भी सुनिए….
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फिलहाल देखना ये होगा कि इस मामले के उजागर होने के बाद प्रशासन इस पर क्या कुछ कार्रवाई करता है…या ये घोटाला भी अन्य घोटालों की तरह फाइलों में दबा रह जाएगा….
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