गांव अहिरका का किसान बना मिशाल
थाई बेर के बाद सांगवान पेड़ की शुरु की खेती
एमपी और महाराष्ट्र से मंगवाए है सांगवान के पौधे
आने वाले वक्त में करोंड़ो में बिकेंगे ये पेड़
एक एकड़ में लगाए सांगवान के पौधे
दूर-दूर से देखने आ रहे हैं किसान
सत्यखबर जींद
जींद के अहिरका गांव का किसान सतबीर पूनियां आज हरियाणा के किसानों के लिए मिशाल बन चुका है…जो अपने ही नहीं बल्कि हरियाणा के किसानों को समय के साथ नई नई खेती करके किसानों को जागरुक करने का काम भी कर रहे हैं…दरअसल सतबीर पूनियां ने सांगवान के एक एकड़ में एक हजार पौधे लगाए है जो कि 15 सालों में पेड बन जांएगे…अगले 15 सालों में इन पेडों से तैयार लकडी की कीमत 15 करोड रुपये होगी…सांगवान की लकड़ी मार्किट में काफी मंहगे दामों में बिकती है…वहीं इन पेड़ों को लेकर किसान सतबीर सांगवान ने क्या कुछ बताया..सुनिए
वहीं दूसरे किसान ने बताया कि काफी दूर दूर से लोग खेती देखने के लिए आते है और सतबीर सिंह से जानकारियां हासिल करते है…उन्होंने कहा कि सतबीर पूनियां की किसानों के लिए काफी अच्छी सोच रहती है ताकि किसान जागरुक हो कर कामयाब हो सके
बता दें कि इससे पहले किसान सतबीर 45 लाख रुपये लगाकर थाई एप्पल बेर की बागवानी कर रहे हैं… जिससे उन्होंने प्रति वर्ष लाखों में कमाई करते है..वहीं अब उन्होंने मोटे मुनाफे के लिए सांगवान के पौधे लगाए हैं..जो आने वाले वक्त में करोड़ों के हो जाएंगे..
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