वैज्ञानिकों का सबसे बड़ा कीर्तिमान
एक साथ तैयार किये भैंसो के 8 क्लोन
केन्द्र सरकार देगी 5 लाख रुपये का पुरस्कार
सत्य खबर हिसार
वीडियो में नजर आ रहे ये भैंस के कटड़े देखने में तो साधारण लग रहे हैं। लेकिन ये पूरे विश्व में अब तक के सबसे खास कटड़े हैं….ये कटड़े अब तक के उपलब्ध बेहतरीन भैंसो से एक साथ क्लोन से तैयार किये गये आठ कटड़े हैं….इनमें से सात कटड़े मुर्राह नस्ल के एक ही भैंसा एम29 के और एक कटड़ा 2015 में क्लोन से तैयार किये गये
देखिए वीडियो न्यूज़
गौरव नामक भैंसे के क्लोन हैं….ऐसा विश्व में पहली बार हुआ है…जब एक भैंसे के एक साथ साथ क्लोन कटड़े और पहले से क्लोन किये गये एक भैंसे से री क्लोन करके एक कटड़ा तैयार किया गया है। ऐसा करके केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने एक वैश्विक कीर्तिमान स्थापित किया है।
आम बोलचाल की भाषा में कहें तो ये सभी आठ कटड़े मौजूदा भैंसों की फोटोकॉपी हैं। फिलहाल इनकी उम्र 3-4 माह की होगी लेकिन बड़े होने पर ये हूबहू एक जैसे नजर आयेंगे और इनकी क्षमता, गुणवत्ता भी एक जैसी होगी….ये क्लोन कटड़े हिसार स्थित केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने कई साल की मेहनत के बाद तैयार किये हैं
एनएएसएफ प्रोजेक्ट के तहत क्लोनिंग तकनीक से कटड़े तो मार्च-अप्रैल के माह में तैयार हो गये थे लेकिन लॉकडाउन के चलते इस उपलब्धि को दुनिया के सामने नहीं लाया जा सकता था। गुरुवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के स्थापना दिवस पर इस उपलब्धि को दुनिया के सामने लाया गया।
सीआईबारबी के वैज्ञानिकों की इस टीम को केन्द्र सरकार की तरफ से 5 लाख रुपये का पुरस्कार देने की भी घोषणा की गयी है। देश के मुर्राह नस्ल और उसके जैसे अन्य उच्च नस्लों की भैंसे देने वाले सीआईआरबी संस्थान ने सबसे पहले 2015 में गौरव नामक कटड़ा क्लोन तकनीक से पैदा किया गया था।
अब वो कटड़ा भैंसा बन चुका है और उससे अब तक 10 हजार सीमन डोज तैयार की जा चुकी हैं। उसके सीमन से दर्जनों स्वस्थ्य बच्चे पैदा हो चुके हैं जिन्होंने साबित कर दिया है कि क्लोन भैंसो की प्रजनन क्षमता भी गैर क्लोन भैंसो के बराबर है। क्लोन तकनीक को लेकर विश्व में लोगों के अपने अपने पक्ष हैं लेकिन इस तरह की तकनीक का सही तरीके से इस्तेमाल हो तो ये फायदा देने वाली तकनीक कही जायेगी…
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