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Waqf Act: ‘सच्चे मुसलमान की आवाज सुनो’, केंद्रीय मंत्री ने वक्फ संशोधन बिल पर मुफ्ती की सराहना की

Waqf Act: वक्फ संशोधन बिल 2024 को 8 अगस्त को केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में पेश किया था। लेकिन अब यह बिल संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास है। समिति ने देशभर के मुस्लिम संगठनों से इस बिल पर उनकी राय मांगी है। लेकिन इस बीच, इस बिल पर अलग-अलग बयान भी सामने आ रहे हैं। अब उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

देश में वक्फ संशोधन बिल 2024 को लेकर राजनीतिक हलचल मची हुई है। जहां कई मुस्लिम संगठन इस बिल का खुलकर विरोध कर रहे हैं, वहीं विपक्ष ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। विदेश में बैठे भगोड़े जाकिर नाइक मुसलमानों को भटका रहे हैं, जबकि देश में QR कोड अभियान चलाया जा रहा है, जो इस बिल के खिलाफ है। इसी बीच मुफ्ती शमून कासमी का इस बिल पर अलग नजरिया है। अब केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और केंद्रीय वक्फ परिषद के अध्यक्ष किरेन रिजिजू ने मुफ्ती शमून कासमी की तारीफ की है।

‘सच्चे मुसलमान की आवाज सुनो’

उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने वक्फ संपत्तियों के मुद्दे पर बेबाकी से अपनी राय दी है। किरेन रिजिजू ने कहा, “सच्चे मुसलमान की इस आवाज को सुनो! मुफ्ती शमून कासमी वक्फ संपत्तियों के बारे में जमीनी हकीकत पर आधारित सच्चाई बोल रहे हैं।”

मुसलमानों की आज की दयनीय स्थिति क्यों?

मुफ्ती शमून कासमी ने एक चैनल के साथ बातचीत में कहा कि आज देश में वक्फ संपत्तियों को लेकर बहस चल रही है। जिस समुदाय के पास नौ लाख से अधिक संपत्तियां हैं, आज 70 सालों के भीतर उसकी यह दयनीय स्थिति क्यों है? इसका कारण कुछ लोग और बिचौलिए हैं। कांग्रेस ने अपने 60 साल के शासनकाल में इन संपत्तियों को बर्बाद किया। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और पूरा बोर्ड वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग करके उन्हें हड़पते रहे।

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कांग्रेस के कार्यकाल की जांच होगी तो कई जेल जाएंगे

मुफ्ती ने आगे कहा कि कब्रिस्तानों और ईदगाहों में पेड़ लगाकर न केवल मुसलमानों की आमदनी बढ़ सकती थी बल्कि पर्यावरण भी बेहतर होता। मुसलमानों की इस आमदनी से स्कूल, कॉलेज और अस्पताल बनाए जा सकते थे। लेकिन ऐसा क्यों नहीं हुआ? क्योंकि उन्हें अपना वोट बैंक बनाए रखना था और इसके लिए वक्फ संपत्तियों को बर्बाद किया गया। अगर कांग्रेस के 60 साल के शासनकाल में वक्फ बोर्ड और उसके अध्यक्ष की जांच हो, तो कई लोग जेल जाएंगे। उन लोगों से वसूली की जानी चाहिए, क्योंकि यह पैसा गरीब मुसलमानों, अनाथों और बेसहारा लोगों का था।

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वक्फ संपत्तियों का बेहतर इस्तेमाल क्यों नहीं हुआ?

मुफ्ती शमून कासमी ने आगे कहा कि वक्फ संपत्तियों का बेहतर तरीके से इस्तेमाल होना चाहिए था। वक्फ की जमीनों का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुधारों के लिए किया जा सकता था। लेकिन कुछ राजनीतिक कारणों और गलत नीतियों के कारण इन संपत्तियों का उपयोग सही दिशा में नहीं हो पाया। जो संपत्तियां मुस्लिम समुदाय की भलाई के लिए थीं, उनका राजनीतिक लाभ उठाया गया और उनका असली मकसद खो गया। मुफ्ती कासमी का मानना है कि अगर वक्फ संपत्तियों का सही तरीके से प्रबंधन किया जाए तो मुस्लिम समाज की स्थिति में सुधार हो सकता है।

वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा की दिशा में यह बिल

वक्फ संशोधन बिल 2024 का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। बिल में उन सुधारों को शामिल किया गया है जो वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकेंगे और उनके प्रबंधन को अधिक पारदर्शी बनाएंगे। हालांकि, मुस्लिम संगठनों द्वारा इस बिल के कुछ प्रावधानों पर आपत्ति जताई जा रही है। विरोध करने वाले संगठनों का कहना है कि यह बिल वक्फ संपत्तियों को हड़पने का एक तरीका है, जबकि सरकार का कहना है कि यह बिल वक्फ संपत्तियों को सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से प्रबंधित करने के लिए है।

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मुफ्ती शमून कासमी की राय

मुफ्ती शमून कासमी की राय इस मुद्दे पर बिल्कुल अलग है। वह मानते हैं कि इस बिल का विरोध करने वाले लोग वक्फ संपत्तियों का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं चाहते। वह कहते हैं कि अगर इस बिल को सही तरीके से लागू किया जाए, तो मुस्लिम समाज को इसका बड़ा फायदा हो सकता है। उन्होंने कांग्रेस के कार्यकाल में वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को लेकर भी आलोचना की और कहा कि अगर उस समय वक्फ संपत्तियों का सही इस्तेमाल हुआ होता, तो आज मुस्लिम समाज की स्थिति बहुत बेहतर होती।

मुस्लिम समाज की भलाई के लिए क्या किया जा सकता है?

मुफ्ती शमून कासमी का कहना है कि मुस्लिम समाज की भलाई के लिए सबसे पहले वक्फ संपत्तियों का सही प्रबंधन सुनिश्चित करना जरूरी है। वक्फ संपत्तियों से होने वाली आय का इस्तेमाल शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुधारों के लिए किया जाना चाहिए। इसके अलावा, वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक मजबूत निगरानी तंत्र की आवश्यकता है। जो लोग इन संपत्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

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