Weather Forecast: हीटवेव ने बढ़ाई अस्पतालों की चिंता, पिछले साल 48,000 बीमार और 159 मौतें

Weather Forecast: देश के उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में भीषण गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया है। राजस्थान के श्रीगंगानगर में बुधवार को तापमान 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया जो पूरे देश में सबसे अधिक था। दिल्ली में हीट इंडेक्स 51.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ जो बेहद खतरनाक माना जाता है। मौसम विभाग के अनुसार हीट इंडेक्स वह तापमान होता है जो शरीर को नमी और गर्म हवा के मेल से महसूस होता है। दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में तापमान 40.9 से 45 डिग्री के बीच रहा।
13 जून तक नहीं मिलेगी राहत
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया है कि 13 जून तक गर्मी से कोई राहत मिलने की संभावना नहीं है। हालांकि इसके बाद पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है जिससे थोड़ी राहत मिल सकती है। दक्षिण-पश्चिम मानसून जो मई के अंत से महाराष्ट्र तट पर रुका हुआ है वह दो से तीन दिनों में फिर से सक्रिय हो सकता है। मई महीने में बारिश की शुरुआत ने मौसम को कुछ ठंडा जरूर रखा लेकिन जून की शुरुआत से ही तापमान तेजी से बढ़ा है।
22 शहरों में पारा 44 डिग्री पार
राजस्थान के श्रीगंगानगर में तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री अधिक 48 डिग्री दर्ज किया गया। इसी तरह चित्तौड़गढ़, चूरू, फलौदी और जयपुर जैसे शहरों में भी तापमान 44 से 46 डिग्री के बीच रहा। उत्तर प्रदेश के आगरा और औराई में पारा 45 डिग्री के पार रहा। हरियाणा के रोहतक और हिसार में भी तापमान क्रमश: 46.2 और 44.3 डिग्री दर्ज किया गया। पंजाब के अमृतसर और जम्मू में भी भीषण गर्मी रही। यही नहीं बल्कि हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे पहाड़ी राज्यों में भी सामान्य से अधिक तापमान दर्ज हो रहा है।
रेड अलर्ट और गर्मी से मौत के आंकड़े
दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों में 12 और 13 जून के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है जिसका मतलब होता है कि तुरंत सावधानी बरती जाए। हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के लिए ऑरेंज अलर्ट घोषित हुआ है। मौसम विभाग ने कहा कि अगले दो से तीन दिनों तक तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा लेकिन इसके बाद 2 से 4 डिग्री की गिरावट हो सकती है। गर्मी के कारण बिजली की मांग तेजी से बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को बिजली विभाग में हड़ताल पर 6 महीने का प्रतिबंध भी लगा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि खुले में काम करने वाले लोग, बुजुर्ग और बच्चे सबसे ज्यादा हीट स्ट्रोक के खतरे में हैं। पिछले साल 48,000 से ज्यादा हीट स्ट्रोक के मामले सामने आए थे और 159 लोगों की मौत हो गई थी।