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Weather news: उत्तर प्रदेश और दिल्ली-NCR में बारिश से बढ़ी ठंड, किसानों के लिए फायदे और नुकसान

Weather news: देश के कई हिस्सों में बारिश का दौर जारी है, जिसमें उत्तर प्रदेश और दिल्ली-NCR भी शामिल हैं। शुक्रवार सुबह से लेकर रात तक बारिश का सिलसिला जारी रहा, जो कभी तेज तो कभी हल्की होती रही। इस बारिश के कारण ठंड में काफी बढ़ोतरी हो गई है। मौसम विभाग ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में तूफान और तेज हवाओं के साथ बारिश की चेतावनी दी है। इसके अलावा, पहाड़ी इलाकों से लेकर मैदानी इलाकों तक बारिश का असर दिख रहा है, जिससे ठंड और बढ़ गई है।

बारिश का प्रभाव कृषि पर

पिछले कुछ दिनों से पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश की गतिविधियां तेज हो गई हैं। यह बारिश फसलों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है, खासकर उन किसानों के लिए जिनकी फसलें पानी की कमी से जूझ रही थीं। किसानों के लिए यह बारिश अमृत समान मानी जा रही है, क्योंकि अब उन्हें फसलों की सिंचाई के लिए अतिरिक्त पानी की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। हालांकि, इस बारिश का असर गेहूं और सरसों जैसी फसलों पर दिखाई दे सकता है।

गेहूं और सरसों के लिए लाभकारी बारिश

दिल्ली के उझवा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. समर्पल के अनुसार, गेहूं और सरसों जैसी फसलें इस बारिश से लाभान्वित होंगी। यह बारिश इन फसलों के लिए अमृत समान है, क्योंकि सामान्य तौर पर सिंचाई के दौरान जो पानी जमीन की ऊपरी सतह पर जाता है, वह बारिश के कारण काफी गहरे तक समाहित हो जाता है, जिससे मिट्टी लंबे समय तक गीली रहती है। इससे फसलों के लिए जरूरी नमी बनी रहती है।

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सरसों की शुरुआती फसल को हो सकता है नुकसान

हालांकि, विशेषज्ञों के अनुसार सरसों की शुरुआती फसल को इस बारिश से थोड़ा नुकसान हो सकता है। सरसों के पौधों में अब फलियां बननी शुरू हो गई हैं, और यह वह समय है जब बारिश के कारण फली निर्माण प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। इसके साथ ही कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि खेतों में पानी इकट्ठा होता है तो फसल को नुकसान हो सकता है। किसानों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पानी का जमाव ना हो और जल निकासी का उचित प्रबंध हो।

बागवानी फसलों के लिए लाभकारी बारिश

वहीं बागवानी फसलें जैसे गोभी, ब्रोकोली, पालक, धनिया और मेथी के लिए यह बारिश लाभकारी है। दिल्ली के बागवानी विशेषज्ञ डॉ. राकेश कुमार के अनुसार, इन फसलों के लिए बारिश एक वरदान है, लेकिन उन्हें यह भी सलाह दी जाती है कि पानी एक जगह जमा ना होने पाए। बारिश से फसलें जल्दी बढ़ती हैं, लेकिन जलभराव से नुकसान भी हो सकता है। वहीं, गाजर, मूली और शलजम जैसी जड़ वाली फसलें इस बारिश से प्रभावित नहीं होंगी, लेकिन इन पर कोई विशेष असर भी नहीं पड़ेगा।

बारिश का असर मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में

मध्यप्रदेश के कई जिलों जैसे मंदसौर, रतलाम, और बड़वानी में बारिश हुई है, जिससे वहां की कृषि गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। मौसम विभाग ने शनिवार तक मध्यप्रदेश के अधिकांश हिस्सों में ओलावृष्टि और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। यह बारिश का सिलसिला अगले 24 घंटे तक जारी रहने की संभावना जताई जा रही है।

उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश का अलर्ट
उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में भी शनिवार को बारिश और तूफान का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने यहां के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि और तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना जताई है। इसके अलावा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भी बारिश हुई है, जिससे ठंड बढ़ गई है।

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पंजाब और हरियाणा में बारिश का असर

पंजाब में भी शुक्रवार को बारिश का सिलसिला जारी रहा। यहां कई जगहों पर ओलावृष्टि भी हुई, जिनमें पटियाला जैसे जिलों का नाम शामिल है। इन बारिशों ने ठंड को और बढ़ा दिया है, और आगामी दिनों में ठंड में और इजाफा हो सकता है। हरियाणा के हिसार, भिवानी, फतेहाबाद और कैथल जैसे जिलों में भी ओलावृष्टि हुई है, जिससे किसानों को राहत मिली है। हालांकि, इन ओलावृष्टियों से फसलों को भी नुकसान हो सकता है, विशेष रूप से उन फसलों को जो फली निर्माण के चरण में हैं।

ठंडी हवाओं का असर 31 दिसंबर तक

मौसम विभाग के अनुसार, 31 दिसंबर तक ठंडी हवाएं जारी रह सकती हैं, जो उत्तर भारत के कई हिस्सों में ठंड को और बढ़ा सकती हैं। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और दिल्ली-NCR के क्षेत्र में ठंड का असर अगले कुछ दिनों तक बना रह सकता है।

कुल मिलाकर देखा जाए तो यह बारिश किसानों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि यह उनकी फसलों के लिए जरूरी पानी मुहैया कराती है। हालांकि, यदि बारिश अधिक देर तक होती है या पानी खेतों में जमा हो जाता है तो फसलें खराब हो सकती हैं, खासकर सरसों जैसी फसलों के लिए। किसानों को बारिश के दौरान पानी के जल निकासी की व्यवस्था करनी चाहिए। वहीं, आम लोगों को भी ठंड से बचने के लिए उचित सुरक्षा बरतनी चाहिए और बर्फीली हवाओं से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनने चाहिए।

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