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Charanjit Singh Channi के महिला संबंधी विवादित बयान पर महिला आयोग ने भेजा नोटिस, एफआईआर की चेतावनी

पूर्व मुख्यमंत्री और जलंधर सांसद Charanjit Singh Channi एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं। गिद्दरबाहा में एक चुनावी रैली के दौरान महिलाओं पर दिया गया उनका बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद पंजाब राज्य महिला आयोग ने चन्नी को नोटिस जारी किया है। आयोग ने उन्हें मंगलवार को मोहाली स्थित कार्यालय में पेश होने का निर्देश दिया है और उनके बयान के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है। अगर चन्नी ने अपना जवाब नहीं दिया तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

चन्नी का बयान विवादों में घिरा

रविवार को गिद्दरबाहा में कांग्रेस उम्मीदवार अमृता वडिंग के समर्थन में आयोजित एक जनसभा में चरणजीत सिंह चन्नी ने महिलाओं को लेकर एक आपत्तिजनक बयान दिया। उन्होंने महिलाओं को लेकर एक कहानी सुनाते हुए ऐसा बयान दिया, जो महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला माना गया। चन्नी के इस बयान के बाद राजनीति में तूफान मच गया है और विरोधी पार्टियों ने उनके मानसिकता पर सवाल उठाए हैं।

इसके साथ ही, चन्नी ने विपक्षी पार्टी पर एक और विवादास्पद बयान दिया था, जिसमें उन्होंने दो समुदायों के बीच शांति भंग करने का प्रयास किया। उन्होंने जाट और हिंदू भाईचारे के उदाहरण देते हुए विपक्ष पर निशाना साधा था, जिससे धार्मिक सौहार्द को नुकसान पहुँचने की संभावना जताई गई थी।

Charanjit Singh Channi के महिला संबंधी विवादित बयान पर महिला आयोग ने भेजा नोटिस, एफआईआर की चेतावनी

महिला आयोग का कड़ा रुख

महिला आयोग ने इस बयान को गंभीरता से लिया और चन्नी को तात्कालिक रूप से स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है। आयोग ने अपने नोटिस में कहा है कि चन्नी के बयान ने न केवल महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुँचाई है, बल्कि उन्होंने दो समुदायों के बीच दंगा करने की कोशिश भी की है। आयोग ने पंजाब के डीजीपी को पत्र लिखकर इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने की भी सिफारिश की है।

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष राज लाली गिल ने कहा, “अगर चरणजीत सिंह चन्नी 19 नवम्बर को सुबह 11 बजे हमारे कार्यालय में नहीं आते और अपना स्पष्टीकरण नहीं देते, तो इसे उनकी चुप्पी माना जाएगा और हम पंजाब के डीजीपी से एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश करेंगे।”

विपक्षी पार्टियों की आलोचना

चन्नी के बयान को लेकर विपक्षी दलों ने उनकी कड़ी आलोचना की है। शिरोमणि अकाली दल के नेता और सांसद मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि इस बयान से साफ है कि चन्नी और कांग्रेस पार्टी की मानसिकता में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कहा, “चन्नी का बयान इस बात का प्रतीक है कि कांग्रेस पार्टी महिलाओं को लेकर कैसी सोच रखती है।”

आम आदमी पार्टी (AAP) के गिद्दरबाहा से उम्मीदवार हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों ने भी चन्नी के बयान को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने एक महिला को उम्मीदवार बनाया है, लेकिन उनके नेता खुद महिलाओं के खिलाफ इस तरह के आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं। यह न केवल अपमानजनक है, बल्कि कांग्रेस पार्टी की असलियत को भी सामने लाता है।”

चन्नी के खिलाफ कार्रवाई की मांग

गिद्दरबाहा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस उम्मीदवार अमृता वडिंग के समर्थकों ने भी चन्नी के बयान की निंदा की है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि चन्नी का बयान महिलाओं के सम्मान के खिलाफ था और ऐसे शब्द एक पूर्व मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देते।

चन्नी का विवादों से पुराना नाता

चरणजीत सिंह चन्नी का विवादों से पुराना नाता रहा है। इससे पहले भी, लोकसभा चुनाव के दौरान जब वह जलंधर में थे, उन्होंने शिरोमणि अकाली दल (SAD) की नेता बीबी जगीर कौर को गाल पर छू लिया था, जिसके बाद यह मामला महिला चुनाव आयोग तक पहुंचा था। हालांकि, बाद में यह मामला सुलझा लिया गया था। इसके अलावा, चन्नी पर एक महिला आईएएस अधिकारी को गलत संदेश भेजने का भी आरोप लग चुका है।

महिला आयोग की भूमिका और कार्रवाई

महिला आयोग के कड़े कदमों से यह संदेश जाता है कि पंजाब में महिलाओं के खिलाफ कोई भी असम्मानजनक बयान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आयोग का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना है, और वह ऐसे मामलों में शीघ्र और प्रभावी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।

राजनीतिक संदेश

चन्नी के बयान ने न केवल महिलाओं के अधिकारों को लेकर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हो सकता है। चुनावी मौसम में इस तरह के विवादों का असर न केवल चन्नी की व्यक्तिगत छवि पर पड़ा है, बल्कि कांग्रेस पार्टी की छवि पर भी नकारात्मक असर डाला है। ऐसे में, यह देखना होगा कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रिया देती है और चन्नी के खिलाफ कार्रवाई की जाती है या नहीं।

चरणजीत सिंह चन्नी का बयान महिलाओं के सम्मान को लेकर विवादित बन गया है और इस मामले में महिला आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। अगर चन्नी समय पर स्पष्टीकरण नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह मामला न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पंजाब की राजनीति में एक नया मोड़ भी ला सकता है।

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