सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :- एशियन गेम्स में भाग लेने वाले नरवाना क्षेत्र के खिलाडिय़ों को सम्मानित करने के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्र के लोगों ने इस मौके पर अपनी भागीदारी दर्ज करवाई। समारोह में मंच संचालन प्रवक्ता राममेहर बैनीवाल ने बड़े ही शानदार ढंग से किया। सम्मान समारोह में विशेष तौर पर 800 मीटर दौड़ में एथलेटिक्स मनजीत चहल को विशेष तौर पर जाट धर्मशाला समिति द्वारा चांदी की गदा देकर सम्मानित करने का काम किया। इसके अतिरिक्त कुरैश खिलाड़ी दिवेश सिंहमार और हैण्डबाल खिलाड़ी हरेन्द्र नैन को भी स्मृति चिन्ह देकर उनकी हौंसला अफजाई की। समिति के प्रधान चतर सिंह मोर ने कहा कि छोटे से कस्बे के खिलाड़ी मनजीत ने एशियन गेम्स में मैडल जीतकर जो कारनामा कर दिखाया है, वो काबिले-तारीफ है। क्योंकि उसके पदक जीतने पर नरवाना क्षेत्र से खिलाडिय़ों की गंगा बहकर निकलेगी, जो आने वाले समय में पदकों की झड़ी लगाने का काम करेंगे। मा. अमृत लाल चौपड़ा ने कहा कि मनजीत चहल में बचपन से ही खेल के प्रति जुनून था, जो सुबह 4 बजे से ही स्टेडियम में प्रैक्टिस करने के लिए पहुंच जाता था। उसके इसी जुनून की बदौलत ही वह एशियन गेम्स में पदक लाने में कामयाब रहा। कोच मेवा सिंह नैन पीटीआई ने कहा कि मनजीत चहल ने जो अब कारनामा कर दिखाया है, उससे क्षेत्र के खिलाडिय़ों में उम्मीद जगी है, कि वो भी कुछ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि एथलेटिक्स का सिंथेटिक ट्रैक बनने के बाद यहां से अंतर्राष्ट्रीय खिलाडिय़ों की फौज तैयार हो जायेगी। उन्होंने कहा कि उन्हेें उम्मीद है कि ओलम्पिक गेम्स में भी मनजीत चहल गोल्ड मैडल लेकर आयेगा। इस अवसर पर चेयरपर्सन रणबीर कौर, चतर सिंह मोर, मा. अमृत लाल, सुदेश चोपड़ा, आजाद दूहन, सज्जन सिंह, सतपाल मोर, रामफल मोर, किताब सिंह, रामचन्द्र मिर्धा, रामपाल उझाना, शीशपाल गुलाडी, धर्मबीर नैन, दलबीर मोर, राज सिंह नैन, अशोक गोयत, मुकेश नैन, मेवा सिंह नैन, धर्मपाल चहल, बिट्टू, सोहनलाल मिर्धा, प्रदीप मोर, हरित ढिल्लो आदि लोग मौजूद थे।
जनता से मिले सम्मान को नहीं होने दूंगा कम – मनजीत चहल
मनजीत चहल ने कहा कि क्षेत्र की जनता से उन्हें जो मान-सम्मान मिला है, उसको वह कम नहीं होने देगा। बल्कि कॉमनवेल्थ गेम्स व ओलंपिक में भी पदक लाकर नरवाना का नाम इससे भी ज्यादा ऊंचा करके दिखाऊंगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के खिलाडिय़ों में काबिलियत है, अगर उनको सही मार्गदर्शन मिलता रहे, तो वह हर प्रतियोगिता मेें पदक ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि नरवाना में बंद हो चुकी एथलेटिक्स नर्सरी को दोबारा से शुरू करवाने का प्रयास करूंगा, ताकि उस जैसे कई खिलाड़ी उभर कर सामने आ सके।
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