सत्य खबर, पानीपत
जिला के गांव बिहौली से लापता तीसरे बच्चे का शव भी सोमवार को बहादुरगढ़ में नहर से मिला है। बुधवार से तीनों बच्चे लापता थे। शनिवार को दो बच्चों के शव दिल्ली पैरलल नहर की खुबडू झाल से बरामद किए हो चुके हैं। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि बच्चों को जिंदा ही नहर में फेंका गया था या मारने के बाद। बच्चे का शव का पोस्टमार्टम के लिए पोस्टमर्टम के लिए रखवा दिया गया है। उल्लेखनीय है कि गत 14 अप्रैल को बिहौली गांव के अनिल ने जहर खाकर जान दे दी थी। उसके पास से मिले सुसाइड नोट में पत्नी आरती के किसी के साथ जाने से उसने आहत होने की बात लिखी गई थी। बुधवार को ही अनिल अपने तीनों बच्चों को इको गाड़ी में लेकर घर हुए से निकला था। तभी से बच्चे लापता थे। अनिल ने अपने भाई मंजीत को फोन करके जहर खाने की बात बताई थी जबकि बच्चों के बारे में कुछ नहीं बताया और न ही कुछ सुसाइड नोट में लिखा।
परिजनों को शक था कि अनिल ने बच्चों को नहर में फेंका है। तभी से परिजन दिल्ली पैरलल नहर में बच्चों की तलाश में लगे थे। बीते शनिवार को खुबडू झाल से आठ वर्षीय अंशु और भाई 6 वर्षीय वंश का शव बरामद किया गया। इसके बाद गोताखोरों ने आगे तलाश की।
बुधवार को गोताखोरों ने बहादुरगढ़ की दिल्ली पैरलल नहर से तीसरे बच्चे तीन साल के यश का शव बरामद कर लिया गया है। शनिवार को मिलने शव के पोस्टमार्टम के बाद भी यह साफ नहीं हो पाया था कि बच्चों को जिंदा ही नहर में फेंका गया था या मरने के बाद। डॉक्टरों ने विसरा जांच के लिए भेजा है। पहले पिता और फि र तीनों बच्चों की मौत के बाद परिवार ही नहीं पूरे गांव बिहोली में मातम पसरा हुआ है।
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बता दें कि बिहौली गांव निवासी अनिल इको गाड़ी चलाता था। अनिल के तीन बच्चे थे। अनिल की पत्नी आरती किसी के साथ घर से चली गई थी। पत्नी के जाने के बाद अनिल बहुत ही ज्यादा परेशान था। इसी परेशानी की वजह से उसने खुद के साथ अपने तीन मासूम बच्चों की जान ले ली। इस घअना के बाद से गांव में तो मातम पसरा ही है,क्षेत्र में भी माहौल गमगीन है और इस घटना पर चर्चाओं का सिलसिला चल रहा है।
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