जीन्द साहित्य जगत में छा गया सन्नाटा-सा
सत्य खबर, जींद, महाबीर मित्तल: जीन्द के अग्रणी साहित्यकार रामशरण युयुत्सु के निधन से साहित्य जगत में सन्नाटा-सा छा गया है। उनके निधन पर शहर की सामाजिक एवं साहित्यिक संस्थाओं ने शोक प्रकट किया है। उनको श्रद्धांजलि देने हेतू उनके प्रशंसकों ने एक वर्चुअल श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया।रामशरण युयुत्सु का चले जाना जींद जनपद ही नहीं भारतीय इतिहास की बड़ी क्षति है। जीवट और गहरी जिजीविषा वाले पात्र का अवसान हो गया। उनके शिष्य बाल मुकन्द भोला का कहना है कि बाऊजी बहुत ही स्वाभिमानी व्यक्ति थे तथा जीवनभर अपनी शर्तों पर जीए। साहित्य सेवा के लिए पुरानी रद्दी तथा पत्नी के गहने बेच दिए लेकिन किसी के आगे हाथ नहीं फैलाया। उनका कहना था कि इतिहास हमें जिंदा रखता है तथा साहित्य हमारी मानसिक पिपासा दूर करता है। उनका ये चले जाना साहित्य जगत को वेदना दे गया। श्रद्धांजलि देने वालों में जीन्द बागवानी संस्था के चेयरमैन एवं प्रेरक वक्ता बाल मुकन्द भोला, हिन्दी साहित्य प्रेरक संस्था के अध्यक्ष नरेन्द्र अत्री, अखिल भारतीय हिन्दी परिषद जीन्द की अध्यक्षा मंजु रेढू, जे.सी.आई. जीन्द के अध्यक्ष चित्रेश भोला, रामफल खटकड़, मंजु मानव, ओमप्रकाश चैहान, केवल कृष्ण पाठक, हरबंस लाल रल्हन आदि शामिल है।
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