सत्यखबर,दिल्ली
आईटी एक्ट की धारा रद्द फिर भी हो रहे केस दर्ज, सुप्रीम कोर्ट नाराज कहा केंद्र कुछ करे वरना हम करेंगे
सत्य खबर, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आईटी अधिनियम की धारा 66 ए के तहत 1000 से अधिक मामले दर्ज किए जाने पर नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आईटी एक्ट की धारा रद्द होने के बाद भी केस दर्ज होना चौंकाने वाला, आश्चर्यजनक और परेशानी भरा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह जल्द ही इस मामले पर कुछ करें वरना वह कार्रवाई करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह एक विवादास्पद कानून है, जिसने पुलिस को आपत्तिजनक सामग्री ऑनलाइन पोस्ट करने के लिए लोगों को गिरफ्तार करने की अनुमति दी थी, क्योंकि ये हटा दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने 24 मार्च, 2015 को धारा 66 ए को खत्म कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने श्रेया सिंघल मामले में इस धारा को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया था। जस्टिस आर नरीमन, केएम जोसेफ और बीआर गवई की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा है कि आईटी अधिनियम की धारा 66 ए रद्द होने के बाद भी केस दर्ज होना, वो भी इतनी बड़ी संख्या में चौंकाने वाला है। हम नोटिस जारी करेंगे। न्यायमूर्ति नरीमन ने कहा ये जो हो रहा है वह हैरान करने वाला और भयानक है।
ये भी पढ़ें…यमुनानगर में किसानों ने बीजेपी के इस मंत्री को दिखाए काले झंड़े
सुप्रीम कोर्ट एनजीओ पीपुल यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज पीयूसीएल की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में पीयूसीएल ने केंद्र को इस कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के खिलाफ सभी पुलिस स्टेशनों को सलाह देने के निर्देश की मांग की है। याचिका में साफ.- साफ मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को निर्देश दे कि देश के किसी भी पुलिस थाने में इस धारा के तहत एफआईआर दर्ज ना हो।
Aluminium recycling Aluminium scrap material composition Metal scrap yard collection
Scrap metal recovery Ferrous material processing technologies Iron recovery and reuse
Ferrous waste management solutions, Iron recovery plants, Scrap metal reclamation yard collection