आढ़तियों का कमीशन कम करके सरकार ने किया कुठाराघात: बचन सिंह आर्य
सत्यखबर,सफीदों (सत्यदेव शर्मा )
प्रदेश सरकार ने सरसों व गेंहू की खरीद पर आढ़़तियों का कमीशन कम करके उनके साथ सरासर कुठाराघात किया है। यह बात एआईसीसी के सदस्य एवं पूर्व मंत्री सिंह आर्य ने कही। वे शुक्रवार को उपमंडल के डिडवाड़ा, निमनाबाद, साहनपुर, मलिकपुर व धर्मगढ़ में ग्रामीण सभाओं को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर बचन सिंह आर्य का फूलों की मालाओं व पगडिय़ों से जोरदार अभिनंदन किया गया। बचन सिंह आर्य ने ग्रामीणों को आगामी 31 मार्च को सफीदों की पुरानी अनाज मंडी में आयोजित होने वाली ललकार रैली, जिसे एआईसीसी के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला संबोधित करेंगे का न्यौता देते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने मंत्रीमंडल समूह की बैठक में सरसों व गेंहू की सरकारी खरीद में आढ़तियों का कमीशन अढ़ाई प्रतिशत से कम करके डेढ़ प्रतिशत करने का फैसला लिया है। प्रदेश के कृषि मंत्री तो यहां तक चाहते थे कि फसल की खरीद में आढ़तियों को बिल्कुल बाहर कर दिया जाए और किसानों की फसलों की सरकार सीधे खरीद करें। उन्होंने कहा कि पुरातन समय से किसान और आढ़ती का चौली-दामन का साथ चलता आ रहा है लेकिन सरकार कभी खरीद सीधा करने तो कभी ई-टेड्रिंग के नाम पर दोनों के अटूट रिश्ते को तोडऩे पर आमादा है। प्रदेश का किसान चाहता है कि उनकी फसलों की पहले की भांति से ही खरीद-फिरोख्त हो लेकिन सरकार हर सीजन में कोई ना कोई तगलकी फरमान जारी करके किसान-आढ़ती के बीच दरार डालने का काम करती है। उन्होंने कहा कि आढ़ती का अढ़ाई प्रतिशत कमीशन पहले ही बहुत कम है और अब सरकार उस कमीशन को बढ़ाने की बजाए उसे घटा रही है। आढ़ती के पास इस कारोबार के सिवाए और कुछ भी नहीं है और काफी बड़ा वर्ग पुराने समय से ही इस धंधे में लगा हुआ है। सरकार के इस कमीशन घटाने के फरमान से आढ़ती भूखों मरने के कगार पर पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि जब से यह सरकार आई है तब से व्यापारी दिक्कतों के दौर से गुजर रहा है। कभी नोटबंदी तो कभी जीएसटी के नाम पर व्यापारी को परेशान किया जा रहा है। एक तरफ तो कमीशन कम करके छोटे व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है, वहीं बड़े-बड़े उद्योगपति जनता के खून-पसीने की कमाई लूटकर सरकार की शह पर विदेशों में फरार हो रहे हैं। इस मौके पर मुख्य रूप से स. महेंद्र सिंह च_ा, बक्खा सिंह संधू, मा. चन्न सिंह, गुरमीत सिंह, सिन्दर सिंह फौजी, सुच्चा सिंह नंबरदार, दर्शन सिंह, कर्नल सिंह, रतन सिंह सेक्खो, सुखविंद्र लाडी, रघुवीर सिंह रजादा, बनारसी, बारू राम, कश्मीर बाल्मीकि, धर्मवीर सहित काफी तादाद में लोग मौजूद थे।