सत्यखबर जाखल (दीपक) – हर वर्ष पंचायती भूमि को किसानों द्वारा ठेके पर लिया जाता था पंचायती भूमि से होने वाली कमाई से ग्राम पंचायत अपने गांव में विकास कार्य भी करवा सकते थे। लेकिन लेकिन कोरोना महामारी के चलते इस बार हरियाणा सरकार ने पंचायती जमीन की बोली न करवा कर उसको ठेके पर देने के लिए 5% अधिक राशि भरने का प्रावधान रखा है। गांव चांदपुरा के सरपंच बलदेव सिंह, गांव तलवाड़ी के सरपंच सतीश कुमार, मूसा खेड़ा के सरपंच मुकेश कुमार गोयल, गांव सिधानी के सरपंच बिक्कर सिंह इत्यादि ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा पंचायती भूमि में धान की रोपाई ना करने या करने के लिए कोई गाइडलाइन जारी नहीं की जिससे किसानों में असंयम की स्थिति बनी हुई है।
किसान पंचायती भूमि को ठेके पर लेने के प्रशासन और सरकार के नियमों का इंतजार कर रहे हैं। अगर इस बार पंचायती भूमि ठेके पर नहीं जाती तो उसका खामियाजा ग्राम पंचायतों को भुगतना पड़ेगा खंड जाखल के अंतर्गत सभी गांव से पंचायती भूमि लगभग 625 एकड़ है और जिस की आमदन लगभग 4 करोड़ के लगभग है जिससे एकबारगी क्षेत्र में विकास कार्यों की गति रुकेगी और पंचायती भूमि भी वीरान रहेगी।
खंड जाखल में हैं कितने ट्यूबवेल
भूजल स्तर के दोहन रोकने के लिए जहां हरियाणा सरकार गंभीर है। वही समय-समय पर कृषि विभाग किसानों को फसली चक्र अपनाने के लिए प्रेरित करता है वही इरीगेशन डिपार्टमेंट के एसडीओ संजीव सिंगला ने बताया कि उनकी ओर से भी भी समय-समय पर किसानों को आवाहन किया जाता है कि ज्यादा से ज्यादा नहरी पानी से खेतों की सिंचाई करें।
132 केवी सब स्टेशन जाखल के संत सिंह जेई से मिली जानकारी के अनुसार अकेले जाखल खंड में 2609 ट्यूबेल है जिनमें से जाखल खंड के अनेक गांव में अकेले पंचायती भूमि में लगे ट्यूबवेल ओं की संख्या सिर्फ 26 है।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस बारे में जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी बलजीत चहल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सरकार के नियमानुसार पंचायती भूमि को जिन्होंने पिछले वर्ष पट्टे पर लिया हुआ था वह इस वर्ष 5% अधिक राशि भरकर आगे के लिए ठेके पर ले सकते हैं इससे ज्यादा उनके पास कोई गाइडलाइन अभी नहीं आई।
इस बारे में कृषि उपनिदेशक राजेश सिहाग से बात की गई तो उन्होंने कहा पंचायती भूमि में धान की रोपाई ने करने के लिए हमारे पास कोई सरकार की ओर से सूचना नहीं आई परंतु जिन किसानों ने पिछले वर्ष अपने खेत में धान की रोपाई की थी। अगर वह किसान उसमें मक्की या नरमा कपास भेजना चाहता है तो किसान पोर्टल पर आवेदन कर सब्सिडी प्राप्त कर सकता है वहीं धान की रोपाई के लिए 15 मई को किसान पर लगा सकते हैं और 15 जून के बाद ही धान रोपाई कर सकते हैं।
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