सत्यखबर कालका (यूनस सैमुएल) – कालका के मढ़ावाला में जो घटना घटित हुई है वह बेहद दुखद व शर्मनाक है इसके पीछे हिमाचल प्रदेश की सरकार व (बीबीएन) प्रशासन जिम्मेदार है । उक्त बाते उत्तर प्रदेश वेलफेयर एसोसिएशन जिला पंचकूला हरियाणा के अध्यक्ष दलजीत सिंह मरड़ ने बताते हुए कही कि आज लॉक डाउन को हुये लगभग पच्चास दिन हो गए हैं वहीं हरियाणा,चंडीगढ़, पंजाब तीनों राज्यों ने मजदूरों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुये काफी ढील दी है ताकि प्रवासी व स्थानीय गरीब मजदूर भूखे ना मरें। वहीं पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश ने अपनी सीमाओं पर कोई ढील न देकर मजदूर विरोधी सरकार होने का परिचय दिया है ।
क्या हिमाचल प्रदेश सरकार को यह नहीं मालूम है कि जिला सोलन में स्थित परवाणू बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ औद्योगिक क्षेत्र में ज्यादातर मजदूर कर्मचारी व अधिकारी पड़ोसी राज्यों से आते हैं।जबकि बहुयात संख्या में मजदूर कालका तहसील के मढ़ावाला व आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों मे रहते हैं ।लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार व वहाँ का स्थानीय प्रशासन उन गरीब मजदूरों को उद्योगों में रहने के लिये मजबूर कर रहे हैं। जबकि उन उद्योगों में रहने की कोई समुचित व्यवस्था भी नहीं है और लोगों को कदम कदम पर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। सीमा सील होने के कारण प्रवासी दुकानदारों उद्योगपतियों व व्यवसायियों को भी अपनी रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है।
मरड़ ने बताया की मजदूर एवं छोटे व्यवसाई अपनी रोजी-रोटी को लेकर चिंतित है, लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार को इससे कोई मतलब नहीं है वह कान में तेल देकर सोई हुई है। इस लिए उत्तर प्रदेश वेलफेयर एसोसिएशन जिला पंचकूला हरियाणा इकाई की तरफ से यह मांग है कि हरियाणा सरकार हिमाचल प्रदेश सरकार से बात कर अति शीघ्र बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ व परवाणू बार्डर को कुछ शर्तो के साथ खुलवाने का कार्य कर के मढ़ावाला व आस-पास के क्षेत्रों में में रह रहे हजारो मजदूरों के साथ न्याय करे व उनकी रोजी-रोटी की समस्या को हल करे। यही मजदूर वर्ग उद्योगों की रीढ़ की हड्डी माना जाता है जो आज प्रशासनिक अधिकारियों की गलती से दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।
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