सत्य खबर,नई दिल्ली(ब्यूरो रिपोर्ट)
दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों में रहनेवाले लोगों के लिए अब एक खुशी की खबर है क्योंकि अब उन्हें उनके घरों का मालिकाना हक मिलना शुरू हो गया है। शुक्रवार को केंद्रीय शहरी एवं आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उत्तरी दिल्ली की दो कॉलोनियों में रहनेवाले 20 लोगों को रजिस्ट्री के दस्तावेज सौंपे और केंद्र के इस कदम को दिल्ली विधानसभा चुनावों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। मंत्रालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान रोहिणी इलाके के सूरज पार्क और राजा विहार कॉलोनी में रहनेवाले 20 लोगों को रजिस्ट्री और मालिकाना हक के दस्तावेज सौंपे गए। बता दें कि 19 लोगों को एक-एक प्लॉट के, जबकि एक व्यक्ति को दो प्लॉट के कागजात दिए गए।
इस मौके पर हरदीप पुरी के साथ दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और डीडीए के उपाध्यक्ष तरुण कपूर भी मौजूद रहे। संपत्ति का पहला पंजीकरण प्रमाणपत्र समयपुर बादली स्थित सूरज पार्क कॉलोनी की पिंकी शर्मा को दिया गया। जिसके लिए इन लोगों ने 18 दिसंबर के संपत्ति के मालिकाना हक और रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाइ किया था। पुरी ने बताया कि अब तक 57 हजार आवेदन आए हैं। जैसे-जैसे आवेदनों के दस्तावेजों की जांच और शुल्क भुगतान की प्रक्रिया पूरी होती जाएगी, वैसे-वैसे मालिकाना हक और पंजीकरण प्रमाणपत्र लोगों को मिलते जाएंगे।
साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि डीडीए ने अनधिकृत कॉलोनियों के भू उपयोग में परिवर्तन किया है, इसलिए मालिकाना हक का प्रमाणपत्र डीडीए द्वारा दिया जा रहा है और पंजीकरण शुल्क दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग को अदा किया जाएगा। इस मौके पर पुरी ने दिल्ली सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि आप सरकार झूठ फैला रही है कि अवैध कॉलोनियां पास नहीं हुई है और इससे पहले तो वे बिल ना आने का आरोप लगा रहे थे, जबकि कॉलोनियां पास हो गईं।जिन पर राष्ट्रपति की भी मुहर लग चुकी है और अब लोगों को रजिस्ट्रेशन के सर्टिफिकेट भी दिए जा रहे हैं।
वहीं, जिन 20 लोगों को रजिस्ट्री दी गई, वो एक ही विधानसभा रोहिणी के हैं। इस पर बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी के विधायक पर लोगों की मदद ना करने का आरोप लगाया और कहा कि इसलिए वहां काम शुरू नहीं हो पाया है साथ ही जनता को उन्होंने कहा कि जो विधायक लोगों की मदद नहीं कर रहे हैं, लोग उनके घरों पर प्रदर्शन करें।
बता दें कि राजा विहार की संगीता 50 गज के दो मंजिला मकान में पिछले 22 साल से अपने बेटे राजेश्वर के साथ रहती हैं। अब तक उनके पास अपनी प्रॉपर्टी के अधिकार नहीं थे। आज जब रजिस्ट्री उनके हाथ में दी गई, तो वह रो पड़ीं। संगीता ने बताया कि 16 दिसंबर को उन्होंने आवेदन किया था। फॉर्म भरने में डीडीए हेल्प डेस्क से मदद ली थी। उनके क्षेत्र के विधायक ने भी काफी मदद की। अब वह लोन लेकर मकान को अच्छा बनवाएंगी।
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