सत्यखबर, करनाल
करनाल जिला प्रशासन से गुरनाम सिंह चढूनी, राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव समेत 11 किसान नेताओं की तीसरे दौर की वार्ता भी विफल हो गई है। सभी किसान नेता अब अनाज मंडी जाकर फैसला लेंगे कि जिला सचिवालय का घेराव करना है या नहीं। किसान नेता तत्कालीन SDM आयुष सिन्हा को सस्पेंड कर कार्रवाई की मांग कर रहे थे, प्रशासनिक अफसरों ने इस बात को मानने से इंकार कर दिया। उसके बाद किसान नेता उठकर बाहर आ गए और अनाज मंडी की ओर निकल गए. इससे पहले दो दौर की वार्ता के बाद चढूनी-टिकैत समेत 11 सदस्य उठकर कुछ देर के लिए बाहर आए थे। बाहर आकर किसान नेताओं ने कहा था कि – जो हम मांग रहे वह प्रशासन नहीं दे रहा और जो प्रशासन दे रहा वह हम नहीं ले रहे। पहली वार्ता के बाद भी एक ब्रेक भी लिया गया था। दूसरे दौर की वार्ता के बाद भी जब बात नहीं बनी तो सभी किसान नेता उठकर बाहर आ गए। हालांकि कुछ ही देर बाद प्रशासन ने किसान नेताओं को तीसरे दौर की वार्ता के लिए भीतर बुला लिया। अब तीसरे दौर की वार्ता भी विफल हो गई है।
किसान नेता चार बैरिकेड हटने के बाद सचिवालय पहुंचे। सबसे पहले निर्मल कुटिया पर लगा बैरिकेड हटाया गया, उसके बाद सेक्टर 12, फिर कोर्ट और सबसे अंत में सचिवालय पर लगे बैरिकेड हटाए गए। सचिवालय पर पैरामिलिट्री फोर्स तैनात थी, जब तक फोर्स के पास प्रशासन से मैसेज नहीं पहुंचा उन्होंने किसान नेताओं को वहां पांच मिनट तक रोके रखा। मैसेज आने के बाद बैरिकेड हटाकर किसानों को भीतर जाने दिया गया। अब प्रशासनिक अधिकारियों और किसान नेताओं की मीटिंग चल रही है। वहीं, साथ जाने की बात कह रहे टिकैत के समर्थकों से सचिवालय बैरिकेड पर धक्का-मुक्की हुई। पैरामिलिट्री फोर्स ने उन्हें भीतर नहीं जाने दिया और कहा कि सिर्फ 11 लोग ही प्रशासन से बात करेंगे।अनाज मंडी के मंच पर प्रशासन के बुलावे के बाद किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी, सुरेश कौथ, दर्शन पाल, रामपाल चहल, बलबीर सिंह राजेवाल, योगेंद्र यादव, इंद्रजीत सिंह, अजय राणा, सुखबिंदर चहल, विकास शिखर के नाम प्रशासन से वार्ता करने के लिए तय हुए हैं। सभी नेता जिला सचिवालय में प्रशासन के अफसरों से बात करने के लिए पहुंच चुके हैं। इससे पहले किसान महापंचायत के लिए अनाज मंडी पहुंचे चढूनी ने कहा है कि जिला सचिवालय घेराव का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा लेगा। वहीं किसानों का जमावड़ा भी लगने लगा है। अनाज मंडी में किसानों के प्रवेश पर कोई रोक-टोक नहीं है। लेकिन उनकी शहर में एंट्री बैन है।
अनाज मंडी के सभी पांचों प्रवेश द्वारों पर पैरामिलिट्री फोर्स लगाई गई है। साथ लगते इलाकों को भी सील कर दिया है। अनाज मंडी में व्यवस्था की जानकारी लेने के लिए आईजी, डीसी व एसपी सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने दौरा किया है। बसताड़ा टोल पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में महापंचायत हो रही है। इसके बाद किसान अनिश्चितकाल के लिए मिनी सचिवालय का घेराव करेंगे। घेराव के ऐलान के मद्देनजर हरियाणा सरकार और करनाल प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हुए हैं। सेक्टर-6, मेरठ रोड, नमस्ते चौक, हांसी चौक, रेलवे स्टेशन चौक, पीडब्ल्यूडी, एनडीआरआई, सेक्टर-3, मंडी के चारों गेटों पर नाका, निर्मल कुटिया चौक, लघु सचिवालय समेत 18 जगहों पर नाके लगाए गए हैं। जीटी रोड से लघु सचिवालय तक आने वाले रास्ते और शहर से लघु सचिवालय तक पहुंचने वाले रास्तों को ब्लॉक किया गया है। पुलिस जवानों को रात को ही रेत से भरे ट्रक मिल गए थे, जिन्हें नाकों पर अड़ाकर रास्ते ब्लॉक किए गए हैं। मेवात, भिवानी, रेलवे अंबाला, कैथल व पानीपत के एसपी भी ड्यूटी पर लगाए गए हैं।
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5 जिलों में सभी मोबाइल कंपनियों की इंटरनेट और बल्क SMS सेवाएं बंद कर दी गई हैं। गृह सचिव-1 डॉ. बलकार सिंह के आदेश के अनुसार, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पांच जिलों में करनाल के अलावा कुरुक्षेत्र, कैथल, पानीपत और जींद में सोमवार रात 12 बजे से मंगलवार रात 11:59 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद रहेगी।
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