सत्यखबर, जींद
हरियाणा। प्रदेश में ऐसे गरीब और जरूरतमंद किसानों को साहूकारों के चंगुल से बाहर निकालने की योजना है,जिनकी आमदनी का जरिया खेती न होकर सिर्फ पशुपालन पर टिका है। प्रदेश सरकार ऐसे करीब आठ लाख परिवारों को पशुधन क्रेडिट कार्ड बनाकर देगी। यह किसान परिवार वह होंगे, जिन्होंने अपनी आमदनी के लिए बकरी, भेड़, गाय और भैंस पाल रखी हैैं।
आठ लाख पशुपालकों को मिलेगा क्रेडिट कार्ड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न राज्यों के लिए जो आर्थिक पैकेज घोषित किया है, उसमें करीब आठ से दस हजार करोड़ रुपये हरियाणा के इन पशुपालकों के हिस्से में आए हैैं। अभी तक किसी भी किसान को क्रेडिट कार्ड उसकी जमीन के आधार पर प्रदान किए जाते हैैं, लेकिन यह पहला मौका है, जब सरकार ने छोटे पशुपालकों की चिंता की है। प्रत्येक पशुपालक के लिए पशुधन क्रेडिट कार्ड की लिमिट कम से कम 60 हजार रुपये और अधिकतम तीन लाख रुपये होगी। यदि किसी पशुपालक के पास एक ही पशु है तो उसे भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा। ऐसे पशुपालकों को चिन्हित करने के लिए पशु चिकित्सकों और सक्षम युवाओं का सहयोग लिया जाएगा। पहले चरण में करीब चार हजार पशुधन क्रेडिट कार्ड बनाए जा रहे हैैं। यह कार्ड बिना किसी गारंटी के होंगे।
आठ से दस हजार करोड़ रुपये होंगे खर्च, 60 हजार से तीन लाख रुपये होगी लिमिट
हरियाणा के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल के अनुसार गांवों में अभी भी ब्याज पर पैसा देने और लेने का प्रचलन है। जब गरीब किसान या पशुपालक यह पैसा नहीं लौटा पाते तो उन्हें अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी व्यवस्था से निजात दिलाने के लिए सरकार ने छोटे पशुपालकों के लिए पशुधन क्रेडिट कार्ड योजना को लागू किया है।
पशुपालकों के पशुओं का पांच लाख का बीमा
हरियाणा में पशुधन को बचाने तथा पशुपालकों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए सरकार पशुओं का बीमा भी डबल करने जा रही है। अभी तक किसी भी पशु का ढ़ाई लाख रुपये तक का बीमा होता है, लेकिन अब इसे बढ़ाकर पांच लाख रुपये तक करने की योजना है। अनुसूचित जाति के पशुपालक के पशु का बीमा मुफ्त होता है, जबकि सामान्य पशुपालक को मात्र 100 रुपये देने पड़ते हैैं। बाकी 600 से 700 रुपये की प्रीमियम राशि का भुगतान सरकार अपने खजाने से करती है।
मछली पालन पर मिलेगी 50 फीसदी सब्सिडी
प्रदेश में सरकार मत्स्य (मछली) पालन को भी प्रोत्साहित करेगी। इसके लिए खारे पानी की अधिकता वाले जिलों में मत्स्य पालन के लिए नए फार्म विकसित किए जाएंगे। खारे पानी में चूंकि झींगा मछली का अधिक उत्पादन होता है, इसलिए इसी नस्ल की मछली के उत्पाद को प्रोत्साहित किया जाएगा। फार्म पर आने वाले खर्च में 50 फीसदी सब्सिडी सरकार देगी। फिलहाल सिरसा, महेंद्रगढ़, नारनौल, फतेहाबाद, रेवाड़ी और भिवानी इलाके में यह फार्म बनेंगे। मत्स्य पालन मंत्री के नाते जेपी दलाल ने बताया कि मछली पालन के लिए नए युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा तथा प्लांट लगाने से लेकर बाजार उपलब्ध कराने तक की तमाम व्यवस्थाएं की जाएंगी।
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