सत्यखबर, यूपी
पिछले करीब 9 महीने से चल रहे किसान आंदोलन को लेकर देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों के समर्थन में हालांकि सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के कई नेता ब्यान दे चुके हैं पर सोमवार को उत्तर प्रदेश के इस नेता ने जो ब्यान दिया है वह अगर सही है तो शीघ्र ही तीनों कृषि कानून वापिस होंगे, अगर नहीं तो यह भी मात्र प्रसिद्व पाने का जरिया है। वैसे उनके दिए गए तर्क से संभावना यही है कि तीनों कृषि कानून वापिस हो सकते हैं।
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दरअसल उत्तर प्रदेश में भाजपा के एक नेता ने तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है और कहा है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए उन्हें वापस ले सकती है। यूपी भाजपा कार्यसमिति के सदस्य राम इकबाल सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि किसानों की मांग सही है। विधानसभा चुनाव और किसानों के गुस्से को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार नए कृषि कानून वापस ले सकती है। कृषि कानूनों के विरोध के कारण भाजपा नेता पश्चिमी यूपी के गांवों में प्रवेश नहीं कर सके। उन्होंने कहा किसान भविष्य में उनका घेराव भी कर सकते हैं। बता दें कि किसानों के आंदोलन के समर्थन में वैसे तो कई बीजेपी नेता ब्यान दे चुके हैं। जिनमें पंजाब बीजेपी अध्यक्ष खुलकर मैदान में हैं वहीं हरियाणा में पूर्व मंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता सम्पत सिंह प्रदेश कार्यकारिणी से इस्तीफा तक दे चुके हैं। अब ऐसे में उत्तर प्रदेश के बीजेपी के बड़े नेता का यह ब्यान कि तीनों कृषि कानून वापिस होंगे काफी मायने रखता है।
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