जींद, महाबीर मित्तल
वर्तमान हरियाणा सरकार ने किसानों की आय को बढ़ाने के लिए बागवानी को प्रोत्साहित कर रही है। सरकार ने फसल विविधीकरण के तहत लगाई गई बागवानी फसलों में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री भावान्तर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना लागू की है । इन योजनाओं लागू होने से बागवानी की खेती करने वाले किसान जोखिम फ्री हो गए हैंं। उन्होंने कहा कि खेती की घटती जोत और एनसीआर में ताजा फल सब्जियों की मांग को पूरा करने के लिए जिला के किसानों के लिए बागवानी बेहतर विकल्प है।उपायुक्त नरेश नरवाल ने सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा शुरू की गई भावांतर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना बागवानी किसानों के लिए कारगर योजना साबित हो रही है। यह योजना किसानों को सब्जियों व फलों के भाव से जोखिम मुक्त कर उन्हें फसल का उचित दाम दिलाने में कारगर साबित हो रही है। योजना के तहत निम्नलिखित फसलों आलू, फूल गोभी, गाजर, मटर,टमाटर, प्याज, शिमला मिर्च, बैंगन, भिंडी मिर्च, करेला, बंद गोभी, मूली, किन्नू, अमरूद, चीकू,आडू, आलूबुखारा, आम, नाशपाती, लीची, आंवला, बेर, लहसुन व हल्दी आदि को सूचीबद्ध किया गया है।
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उन्होंने बताया कि उपरोक्त सभी फसलों के संरक्षित मूल्य सरकार द्वारा पहले से निर्धारित किए गए हैं। इस योजना के तहत सरकार द्वारा निर्धारित संरक्षित मूल्यों से कम बिक्री होने पर जो नुकसान होगा उसकी भरपाई प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को की जाएगी। उपायुक्त ने बताया कि उत्पादन से पूर्व होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत उत्पादक किसान उपरोक्त फसलों का बीमा भी करवा सकते हंै। इस योजना के अंतर्गत सब्जियों व मसालों पर 3० हजार प्रति एकड़ का बीमा किया जाएगा जिसके लिए किसान को 75० रुपये प्रति एकड़ भुगतान करना होगा। वहीं फलों की खेती पर एक हजार प्रति एकड़ का प्रीमियम देखकर किसान 4० हजार प्रति एकड़ का बीमा करवा सकता है। इस योजना का लाभ लेने के लिए उत्पादक का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है। योजना का लाभ उठाने के इच्छुक किसान इस विषय में और अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्य दिवस में जिला बागवानी अधिकारी के कार्यालय जींद में संपर्क कर सकते हंै।
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