सत्यखबर
सरकार कृषि क्षेत्र में लागू तीनों कानूनों को वापस न लेकर व आंदोलनरत किसानों के सब्र का इम्तिहान ले रही है। किसान किसी भी सूरत में मांगें पूरी नहीं होने तक धरनारत रहेंगे। कई किसानों की जान जा चुकी हैं। भाजपा को समय आने पर इसका जवाब देना होगा।
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यह बात इनेलो प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राज गागड़वास ने बाढड़ा में भाकियू अध्यक्ष धर्मपाल की अध्यक्षता में आयोजित धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि देश में जनतंत्र है और सरकार को किसी दबाव में आकर मनमर्जी के कानून नहीं थोपना चाहिए। केंद्र सरकार ने पहले तो किसानों पर थोपे गए काले कानून वापस लेने से इन्कार कर दिया और फिर आंदोलन करने पर किसानों को परेशान कर रही है। यह अनुचित है। दिल्ली सीमा समेत देश भर में संचालित धरने प्रदर्शनों में शांतिपूर्ण ढंग से किसान अपनी आवाज उठा रहे हैं। लेकिन सरकार लाल किला प्रकरण में किसान को ही दोषी ठहराकर उनको जेल में डालने की कोशिश कर रही है। गाजीपुर, सिघु बार्डर पर निर्दोष किसानों पर अत्याचार किया गया तो देश के किसान ने एकजुटता से सरकार को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। किसानों को अपने हकों के लिए किसी तरह के दबाव सहने की नहीं मुखरता से आवाज बुलंद करने की जरूरत है।
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