सत्य खबर, मेरठ
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कैराना से सपा प्रत्याशी नाहिद हसन की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. कैराना की विशेष अदालत ने गैंगस्टर अधिनियम के तहत एक मामले में पिछले सप्ताह गिरफ्तार समाजवादी पार्टी विधायक नाहिद हसन की जमानत याचिका खारिज कर दी है. हसन ने 10 फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए कैराना विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर नामांकन दाखिल किया है. करीब 45 मिनट तक कोर्ट में सुनवाई चली. शनिवार को नाहिद हसन को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. उन्हें तब गिरफ्तार किया गया था जब वह कलेक्ट्रेट में नामांकन के लिए जा रहे थे.
PTI की खबर के मुताबिक एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश सुबोध सिंह ने कहा कि जमानत का कोई मामला नहीं है और हसन की याचिका खारिज कर दी. हसन के वकील ने कहा कि वे उनकी जमानत के लिए जल्द ही हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. सरकारी वकील अशोक पुंधीर के अनुसार शामली जिले के कैराना की एक अदालत ने 15 जनवरी को विधायक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
अदालत में पेश न होने पर जारी हुआ था गैर-जमानती वारंट
पुलिस के मुताबिक पिछले साल हसन समेत 40 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. जबकि अधिकांश आरोपी जमानत पर रिहा हो गए थे. हसन ने अदालत में आत्मसमर्पण नहीं किया, जिसके बाद उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.
इससे पहले पुलिस ने कैराना के विधायक के खिलाफ सख्त गैंगस्टर एक्ट लगाया था. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को मैदान में उतारने पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के नेताओं को सत्तारूढ़ बीजेपी द्वारा झूठे मामलों में फंसाया गया है.
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