मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत प्रदान की जायेगी आर्थिक सहायता
सत्य खबर जींद, महाबीर मित्तल: उपायुक्त डॉ आदित्य दहिया ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण जो बच्चे अपने माता-पिता को खो चुके हैं यानि कि उनका निधन इस बीमारी के कारण हुआ है। ऐसे बच्चों के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना लागू की है, जिसके तहत 18 वर्ष की आयु तक ऐसे बच्चों को पालन-पोषण, पढ़ाई इत्यादि हेतु आर्थिक मदद देने का प्रावधान किया गया है। जिनके अभिभावकों की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हुई है। इन सभी बच्चों की जानकारी एनसीपीसीआर डॉट जीओवी डॉट इन / बाल स्वराज पोर्टल पर अपलोड करें। उपायुक्त डॉ आदित्य दहिया ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान बेसहारा हुए बच्चों के जीवन यापन व अन्य जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत नकद सहायता दी जाएगी। कोविड -19 के दौरान बेसहारा व अनाथ हुए बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत हर महीने 2500 रुपये नगद आर्थिक सहायता के तौर पर दिए जाएंगे तथा बच्चे को संभालने वाले परिवार को 12 हजार रुपये की वार्षिक राशि आर्थिक सहायता के तौर पर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि यह सहायता बच्चों के 18 वर्ष (वयस्क) होने तक ही दी जाएगी। उपायुक्त ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस योजना के प्रचार-प्रसार के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करें, ताकि जरूरतमंदों को इस योजना का लाभ दिया जा सके। उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान इस प्रकार के पीड़ित बच्चों व उनके परिजनों से अपील करते हुए कहा कि वे जल्द से जल्द बच्चों के माता-पिता का ब्यौरा महिला एवं बाल विकास अधिकारी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय में जमा करवाएं, ताकि उन्हें समय रहते योजना का लाभ मिल सके। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर- 1098 पर संपर्क किया जा सकता है।
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