सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
उपमंडल नरवाना का अंतिम गांव कालवन की सीमा तीन रास्तों से पंजाब के 3 गांवों से लगती है, तो 2 रास्तों से फतेहाबाद जिला की ओर लगती है। इसलिए गांव कालवन की परिवर्तन सामाजिक संस्था, शीतला माता मंदिर वैलफेयर सोसायटी, कपिलेश्वर सेवा समिति व जागरूक ग्रामीण सुरेश सोनी, प्रदीप, बलजीत, सुमित, शमशेर, जगदीप आदि का कहना है कि पंजाब में बहुत ज्यादा मात्रा में एनआरआइ रहते हैं, जिससे कोरोना वायरस फैलने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ गया है। यही नहीं गांव कालवन में भी लॉकडाउन की पालना पूरी तरह से नहीं हो रही है। लोग समूह में बैठे रहते हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब की तरफ से बाइक व कार में व्यक्ति गांव कालवन में आते हैं, तो नाके पर बैठै लोग जब उनको रोकने का प्रयास करते हैं। जिससे गांव के असमाजिक तत्व उनके पास जाकर युवाओं से लड़ाई-झगड़ा करते हैं। उन्होंने कहा कि जिन नाकों पर पुलिस की ड्यूटी लगाई गई है, वो भी लोगों को आने-जाने दे रही है। जिससे वे अपनी जिम्मेदारी का पूर्ण निर्वाह नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गांव की आबादी लगभग 20 हजार है। जिस कारण पंजाब से आने वालों से कोरोना वायरस फैलने का खतरा बना हुआ है। इसलिए गांव के नाकों पर सीआरपीएफ लगाई जाये, ताकि ग्रामीण सुरक्षित रह सके।
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