सत्यखबर, गुरुग्राम
देश में कोरोना लगातार बढ़ता ही जा रहा है…और साथ ही कोरोना वायरस के चलते देशभर में लॉकडाउन लागू है. इस लॉकडाउन से रोज कमाकर खाने वाले मजदूरों पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है. कुछ लोग लॉकडाउन के चलते दो वक्त के खाने का जुगाड़ भी नहीं कर पा रहे हैं और आत्महत्या करने पर मजबूर हैं. ऐसा ही एक मामला हरियाणा गुरुग्राम जिले से सामने आया है. यहां पर सरस्वती कुंज इलाके में स्थित झुग्गियों में पत्नी और 4 बच्चों के साथ रहने वाले छाबू मंडल ने विरवार दोपहर अपने ही घर में फांसी लगाकर जान दे दी.
रिश्तेदार ने दिया ब्यान, दिमागी रूप से रहता था परेशान
बता दे की मुकेश घरों में पेंटिंग का काम करता था, लेकिन लॉकडाउन के कारण रोजगार छिन गया था. पिछले तकरीबन एक महीने से काम नहीं था, घर पर पैसा भी खत्म हो गया था. उम्मीद थी कि 14 अप्रैल से लॉकडाउन खुल जाएगा, लेकिन इसके आगे बढ़ने से सारी उम्मीद टूट गई. वहीं, मृतक मुकेश के एक रिश्तेदार ने भी बयान दिया है कि वह कई दिनों से दिमागी रूप से परेशान चल रहा था.
बता दे की वहीं प्रशासन का दावा है कि जिस इलाके में आत्महत्या की बात सामने आई है, वहां पर भोजना का वितरण किया जा रहा है. पुलिस आयुक्त मोहम्मद अकील का कहना है कि जिस इलाके में मुकेश ने आत्महत्या की, वहां पर रोजाना भोजन का वितरण किया जा रहा है.
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