सत्यखबर, जींद, अशोक छाबड़ा
गुरुवार को कोरोना के 16 नए मरीज सामने आए हैं। इनमें फरीदाबाद से 9, पानीपत में 4, कुरुक्षेत्र में 2 और महेंद्रगढ़ से 1 मरीज शामिल है। वहीं 22 मरीज ठीक भी हुए हैं। झज्जर में 18, रोहतक में 3 और सोनीपत में 1 मरीज ठीक हुआ है।
हरियाणा में मरीजों का आंकड़ा 1009 पहुंचा
सबसे ज्यादा गुरुग्राम में 226,फरीदाबाद में 179, सोनीपत में 147, झज्जर में 91, नूंह में 65, अंबाला में 42, पलवल में 40, पानीपत में 46, पंचकूला में 25, जींद में 22, करनाल में 20, रोहतक में 12, महेंद्रगढ़ में 11, रेवाड़ी में 9, सिरसा, फतेहाबाद, व यमुनानगर में 8-8, हिसार में 9, कुरुक्षेत्र में 9, भिवानी में 6, कैथल में 5, चरखी-दादरी में 6, भिवानी में 3 संक्रमित मरीज हैं। इसके अलावा, मेदांता अस्पताल गुडग़ांव में 14 इटली के नागरिकों को भी भर्ती करवाया गया था, जिन्हें हरियाणा ने अपनी सूची में जोड़ा है। प्रदेश में अब कुल 670 मरीज ठीक हो गए हैं। इनमें गुरुग्राम में 131, फरीदाबाद में 86, सोनीपत में 101, नूंह में 60, झज्जर में 80, अंबाला में 40, पलवल 36, पानीपत में 31, पंचकूला में 24, जींद में 15, करनाल में 9, यमुनानगर में 8, सिरसा में 8, रोहतक में 7, महेंद्रगढ़ में 4, भिवानी में 4, हिसार में 3, कैथल में 3, फतेहाबाद में 2, कुरुक्षेत्र में 2, चरखी दादरी में 1 मरीज ठीक होकर घर लौट चुका है। 14 मरीज इटली के भी ठीक हुए हैं।
सड़क पर थूकने वालों के लिए सरकार बनाएगी कानून
हरियाणा के स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री अनिल विज ने प्रदेश में कोरोना के संक्रमण के बाद नियम कायदे कानून सख्त बनाने के लिए कहा है। उन्होंने इस बाबत गृह सचिव को पत्र लिखा है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने और मास्क न डालने वाले लोगों के खिलाफ कानून बनाया जाए। साथ ही इसके लिए जुर्माने का भी प्रावधान किया जाए। इसके अलावा यह भी तय होना चाहिए कि सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों पर जुर्माना लगाया जाए। पारिवारिक कार्यक्रमों में पचास से अधिक लोगों के इकटठे होने को भी कानून के दायरे में लाया जाए। विज ने कहा कि यदि लोग लॉकडाउन में छूट चाहते हैं तो नियमों को सख्त बनाना पड़ेगा। नहीं तो नियम न मानने वाले व्यक्तियों का नुकसान होगा और संक्रमण फैलेगा। इसके अलावा उन्होंने अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 76 नागरिकों के बारे में भी बताया। विज ने कहा कि सभी नागरिकों को पंचकूला में क्वारंटीन किया गया है। मैने एक वरिष्ठ अधिकारी की डयूटी लगाई है कि इस मामले की पूरी जांच करे।
एक-एक व्यक्ति से यह व्यक्तिगत तौर पर पूछा जाएग कि उन्हें डिपोर्ट करने के पीछे क्या कारण रहे हैं। यह भी पता लगाया जाए कि कहीं यह लोग गलत लोगों के चंगुल में फंसकर कबूतरबाजी के शिकार तो नहीं हुए हैं। यदि ऐसा पाया जाएगा तो जिन लोगो ने इन्हें शिकार बनाया है वे उन पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
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