हरियाणा

गैंगरेप आरोपी अभी गिरफ्त से बाहर, बेगुनाह करार देने थाने पहुंचे ग्रामीण

सत्यखबर, नूंह मेवात (ऐ के बघेल) – खोड़ बसई गांव में अपहरण कर गैंगरेप के बाद 12 वीं कक्षा की छात्रा नाबालिग पीड़िता द्वारा आत्महत्या मामला तूल पकड़ता जा रहा है। आरोपी अभी गिरफ्त में आये भी नहीं की आरोपी पक्ष आधा दर्जन आरोपियों को बेगुनाह करार देने के लिए एसपी नाजनीन भसीन से लेकर रोजका मेव थाना प्रभारी त्यागी से मुलाकात कर निर्दोषों को केस से बाहर करने और दो अन्य लोगों को असल गुनहगार बताते हुए गिरफ्तार करने की मांग रखी। तीन गांवों के दर्जनों लोगों ने यह बात सामने लाकर पुलिस की सिरदर्दी बढ़ा दी है। पीड़ित परिवार आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहा है, तो आरोपियों के बचाव में लोग खड़े हो गए हैं। ऐसे हालात में मामला सुलझने के बजाय उलझता जा रहा है।

पत्रकारवार्ता में आरोपी पक्ष के लोगों की बताया कि मुकदमा नंबर 70 गैंगरेप इत्यादि में जिन नामजद 8 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था, जिनमें इकराम, नासिर, इरशाद, मारूल, वसीम निवासियान खोड़ तथा अकरम निवासी बसई, मुबारिक महरौला, जमशेद महरौला के खिलाफ रोजका मेव पुलिस ने गत 30 अप्रैल को गैंगरेप, अपहरण इत्यादि धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। ग्रामीण इन सभी आरोपियों को बेगुनाह बता रहे हैं, जबकि घटना के असली कसूरवार दो अन्य बताये जा रहे हैं, जो उपरोक्त आरोपियों से अलग गांव से ताल्लुक रखते हैं। कुल मिलाकर मृतक नाबालिग छात्रा परिवार इंसाफ की गुहार लगाकर नामजद लोगों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग पर अड़ा है, तो घटना के तीसरे दिन आरोपियों के पक्ष में कई गांव के मौजिज लोगों के उतर आने से विवाद गहरा गया है। दो पक्षों में ऐसी सूरत में तनाव से भी इंकार नहीं किया जा सकता। पुलिस को फूंक – फूंक कर निष्पक्ष तरीके से त्वरित जांच करनी होगी, वर्ना यह घटना राजनैतिक रूप भी ले सकती है।

आपको बता दें कि खोड़ बसई गांव की बारहवीं कक्षा की नाबालिग छात्रा का गत 29 अप्रैल को अपहरण कर गैंगरेप करने का मामला सामने आता है। घटना के अगले ही दिन लड़की अपने घर केबाथरूम में लोकलाज के डर से आत्महत्या कर लेती है। पुलिस शव को बरामद कर शिकायत मिलते ही आठ लोगों के खिलाफ भादस की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लेती है। पुलिस आरोपियों को दबोचने के लिए 4 -5 टीमें गठित करती है। जगह – जगह आरोपियों की तलाश में छापेमारी की जाती है। घटना के तीन दिन बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की खबर के बजाय आरोपियों के पक्ष में कई गांवों के लोगों के उतरने की खबर मामले को दूसरा मोड़ दे देती है। अभी भी मामले में पुलिस कुछ भी बोलने से बचती नजर आ रही है। पुलिस के अधिकारी मीडिया के सामने आने से कतरा रहे हैं। मामले का खुलासा तो देर सवेर हो जायेगा , लेकिन अब गैंगरेप और ख़ुदकुशी की इस घटना ने गांव की पार्टीबाजी और पुलिस के ढीले रवैये को उजागर करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। सवाल लाख टके का यह है कि पढाई में होशियार एक लड़की अपनी जान क्यों गंवा देती है और घटना के पीछे किन लोगों का हाथ हो सकता है। पुलिस को अब इस रोचक कहानी में कई सवालों के जवाब ढूंढ कर दूध का दूध और पानी का पानी करने में पसीने छूट सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button