सत्यखबर
कमल उर्फ बच्ची गैंग के मुखिया जयदीप उर्फ जग्गा की तैयारी गोगी की हत्या के बाद विदेश भागने की थी। उसने सात-आठ फर्जी आइडी तैयार करा ली थीं। आजकल वह मॉरीश नाम की फर्जी आइडी का प्रयोग कर रहा था। इसके सहारे उसने फर्जी पासपोर्ट बनवाने की तैयारी शुरू कर दी थी। विदेश भाग जाने के बाद वह पुलिस की पकड़ से बाहर हो जाता। उसने अपने गैंग के गुर्गों को इसके संकेत दे दिए थे। उससे पहले जिले का गैंगस्टर राजू बसौदी भी फर्जी पासपोर्ट पर विदेश जा चुका है। गांव कामी के रहने वाले जयदीप उर्फ जग्गा की दोस्ती 2017 में जेल में रहने के दौरान दिल्ली के शातिर अपराधी सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया से हुई थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार टिल्लू और जितेंद्र उर्फ गोली गैंग की दुश्मनी जगजाहिर है। जेल में टिल्लू ने गोगी को मारने का जिम्मा जयदीप उर्फ जग्गा को दिया था।
उसके बाद से जग्गा ने अपने गैंग के 10-12 शूटर गोगी के पीछे लगा दिए थे। पिछले दिनों गोगी के गिरफ्तार हो जाने के बाद उसको मारना आसान नहीं था। उसके बाद गोगी की हत्या करने का जिम्मा खुद जयदीप ने संभाल लिया था। तब से वह गोगी की प्रत्येक पेशी और गतिविधि पर नजर रख रहा था। पुलिस के अनुसार जयदीप के गुर्गों को गोगी तक पहुंचने का मौका नहीं मिल रहा था। तब उसने न्यायालय में पेशी के दौरान ही उसकी हत्या करने की साजिश रची। जयदीप को उम्मीद नहीं थी कि वह पुलिस के हाथों मारा जाएगा। उसने गोगी की हत्या कर विदेश भागने की तैयारी कर ली थी। इसके लिए वह मॉरिश नाम का प्रयोग कर फर्जी पासपोर्ट बनवाने की फिराक में था। पुलिस सूत्रों के अनुसार जयदीप के मुठभेड़ में मारे जाने से उसके गुर्गों में खलबली मची है। अब बच्ची गैंग को संभालने के लिए दूसरे नंबर के गैंगस्टर की तलाश शुरू हो गई है।
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जयदीप के पिता सेना में सर्विस करते थे। उसके दादा भी सेना से सेवानिवृत्त थे। जयदीप के पिता के दो अन्य भाई भी सेना में रहे हैं। उसके परिवार में देशभक्ति का माहौल है। उसके चचेरे भाई भी सेना में अच्छे पदों पर हैं। पिता की सेना में नौकरी के दौरान जयदीप पढ़ाई में तेज-तर्रार था। पिता के सेवानिवृत्त होने के बाद करीब दस साल पहले परिवार अपने पैतृक गांव कामी में आकर रहने लगा। यहां पर जयदीप को ऐसी मित्रमंडली मिली, जिससे उसने जरायम की राह पकड़ ली। वह 2016 से कई गैंग के साथ रहकर अपराध करने लगा था। उसके बाद वह बच्ची गैंग का सरगना बना और दिल्ली में न्यायालय के अंदर जाकर विरोधी गैंग के बदमाश की हत्या की दुस्साहसिक साजिश रच डाली। यहीं पर अपराध की राह पर बढ़ चले ऐसे युवा का अंत हो गया, जो देशसेवा में जा सकता था।
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