महम एसडीएम ऑफिस के कर्मचारियों को दादरी कोर्ट में पेश करने के बाद ले जाती एसटीएफ।
चरखी दादरी। लग्जरी गाड़ियों को चोरी कर फर्जी आरसी बनाकर बेचने के गिरोह में शामिल महम एसडीएम कार्यालय के तीन कर्मचारियों और टाइपिस्ट की निशानदेही पर एसटीएफ ने आठ और गाड़ियां बरामद की हैं। गुरुवार को इन गाड़ियों को एसटीएफ टीमों ने दादरी और महम से बरामद किया। अब तक एसटीएफ 39 गाड़ियां आरोपियों से बरामद कर चुकी है। अभी और भी लग्जरी गाड़ियों की बरामदगी होनी है।एसटीएफ इंस्पेक्टर सतीश देशवाल ने बताया कि समैण गांव निवासी टाइपिस्ट रमेश बामल से भी पूछताछ की गई है। उसे बुधवार को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया था और पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया है। आरोपी रमेश ने एसटीएफ के सामने खुलासा किया कि वो करीब 300 गाड़ियों की फर्जी आरसी बनवा चुका है। आरोपी ने गाड़ियां खरीदने वाले कुछ लोगों के नाम भी उजागर किए और इसके बाद आठ लोगों के पास से एसटीएफ ने ये गाड़ियां बरामद कर ली। इंस्पेक्टर सतीश देशवाल ने बताया कि रिकवरी के लिए गुरुवार को एक टीम दादरी, जबकि दूसरी टीम महम पहुंची और आठों गाड़ियां बरामद की। उन्होंने बताया कि महम एसडीएम कार्यालय के तीनों कर्मचारी एमआरसी अनिल, कंप्यूटर ऑपरेटर सोमबीर व कृष्ण को चार दिन का रिमांड पूरा होने के बाद गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इंस्पेक्टर सतीश ने बताया कि आरोपी रमेश से अभी पूछताछ चल रही है, उसकी निशानदेही पर अभी और लग्जरी गाड़ियां बरामद हो सकती है। वहीं, महम एसडीएम कार्यालय के तीनों कर्मचारियों ने एसटीएफ के सामने कई और खुलासे किए हैं।
एक आरसी बनाने पर मिलते थे 50 हजार, 25 हजार लेता था टाइपिस्ट
इंस्पेक्टर सतीश देशवाल ने बताया कि रिमांड अवधि के दौरान महम एसडीएम कार्यालय के तीनों कर्मचारियों और टाइपिस्ट ने बताया कि उन्हें एक आरसी बनाने पर 50 हजार रुपये मिलते थे। 25 हजार टाइपिस्ट अपने पास रखता था जबकि 25 हजार तीनों कर्मचारी आपस में बांट लेते थे।
2017 से प्रदेश में सक्रिय है गिरोह
एसटीएफ इंस्पेक्टर ने बताया कि चोरी की लग्जरी गाड़ियां बेचने वाला गिरोह पिछले करीब ढाई साल से सक्रिय है। महम एसडीएम ऑफिस के कर्मचारी और टाइपिस्ट 2017 से फर्जी आरसी बनाने का काम कर रहे हैं। टाइपिस्ट और तीनों कर्मचारी 300 से अधिक गाड़ियां बेचने का खुलासा कर चुके हैं।
कर्मचारियों के बैंक खाते किए जाएंगे फ्रीज
इंस्पेक्टर सतीश देशवाल ने बताया कि रिमांड के दौरान तीनों कर्मचारियों से कुछ बरामदगी भी हुई है। आरसी बनाने की एवज में आए रुपयों से कर्मचारियों ने शौक भी पूरे किए हैं। उनके बैंक खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया भी जल्द शुरू कर दी जाएगी।
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