जींद, महाबीर मित्तल
सूर्यास्त के बाद भी पोस्टमार्टम करने व स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित करीबन एक दर्जन मांगों को लेकर जीन्द विकास संगठन ने आज प्रधान डा. राजकुमार गोयल की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री मनोहर लाल, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व के नाम सिविल हॉस्पिटल प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। डा. गोपाल गोयल व डा. राजेश भोला को यह ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में डाक्टरों की कमी को दूर करने, बैड़ों की संख्या बढ़ाने, अल्ट्रासाउंड मशीन व प्लेटलेट्स मशीन उपलब्ध करवाने, सूर्यास्त के बाद भी पोस्टमार्टम करने, पोस्टमार्टम रूम के बाहर परिजनों के बैठने की उचित व्यवस्था करने, कोरोना की तीसरी मार को देखते हुए ऑक्सीजन, बैडो, दवाइयों व इंजेक्शनों की कोई कमी न रहे इसको लेकर अलर्ट होने, पुरानी बिल्डिंग में लिफ्ट लगवाने, अस्पताल परिसर में चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाने, एमपीएचडब्ल्यू और स्वास्थ्य निरीक्षक के रिक्त पदों को भरने, पुरानी बिल्ंिडग में लिफ्ट लगवाने इत्यादि की मांग की गई। इस अवसर पर प्रधान राजकुमार गोयल, मुकेश शर्मा, राजकुमार भोला, ईश्वर गोयल, बीएस गर्ग, डा. बनीश गर्ग, रामधन जैन, मंजीत भोंसला, सावर गर्ग, सज्जन सैनी, पवन बंसल, राजेश भारद्वाज, पवन सिंगला, सुबे सिंह, मनोज काहनोरिया, मनीष गर्ग, रजत सिंगला, सुशील सिंगला, सुंदरी गर्ग, दीपक गर्ग, सुभाष गर्ग, सुरेश चौहान, राजेश गोयल, गोपाल जिंदल, विपुल, गोविन्द गुप्ता, बजरंग, जयभगवान सैनी, प्रवीण मित्तल, सुल्तान आर्य, रवीन्द्र कुमार, अश्वनी, राज कपूर, धीरज, तुलसी बंसल, अशोक शर्मा इत्यादि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
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इस अवसर पर संगठन के प्रधान राजकुमार गोयल ने ज्ञापन के माध्यम से सरकार से मांग की कि जीन्द जिले के सिविल हॉस्पिटल में सूर्यास्त के बाद शवों के पोस्टमार्टम की व्यवस्था नहीं है। पिछले महीने भारत सरकार ने फैसला लिया था कि सूर्यास्त के बाद भी शवों का पोस्टमार्टम किया जा सकेगा। भारत सरकार के इस फैसले को करीबन 1 महीना हो चुका है लेकिन अभी तक जीन्द जिले में यह सुविधा शुरू नहीं हुई है। इस सुविधा के शुरू होने से जहां संबंधित परिजन सारी रात हास्पिटल में बैठकर परेशान होने से बच सकेंगे वही परिजनों द्वारा शव के किसी अंग का दान करना है तो अगले दिन तक उस अंग के खराब होने से बचा जा सकेगा। इस अवसर पर संस्था के संरक्षक मुकेश शर्मा व महासचिव राजकुमार भोला ने कहा कि जीन्द के सिविल हास्पिटल में आज तक प्लेटलेटस ट्रांसफर करने वाली एफेरेसिस मशीन की सुविधा तक नही है। यहां के मरीजो को प्लेटलेटस के लिए दुसरे शहरों की ओर भागना पड़ता है। आस पास के शहरों हिसार, रोहतक, सोनीपत इत्यादि में दर्जनों स्थानों पर सरकारी व प्राइवेट स्तर पर प्लेटलेट्स ट्रांसफर करने वाली मशीने उपलब्ध हैं लेकिन खेद की बात जीन्द में आज तक एक भी मशीन उपलब्ध नहीं हैं। इस समस्या को लेकर प्रशासन से लेकर डिप्टी चीफ मिनिस्टर तक गुहार लगाई जा चुकी है लेकिन आज तक जीन्द के लोग इस सुविधा से वंचित है। ज्ञापन के माध्यम से प्लेटलेट्स ट्रांसफर करने वाली एफेरेसिस मशीन की सुविधा जल्द से जल्द शुरू करने की मांग की गई।
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जीन्द विकास संगठन के जीन्द विकास संगठन के सलाहकार ईश्वर गोयल व बीएस गर्ग ने कहा कि जीन्द के सिविल हास्पिटल में कई साल से अल्ट्रासाउंड मशीन तो दो-दो हैं लेकिन उसको चलाने वाले रेडियोलॉजिस्ट की कोई व्यवस्था नहीं है जिसके चलते लाखों रुपये की मशीन धूल फांक रही है और हर रोज सैकड़ों मरीज इस सुविधा के बिना परेशान हो रहे हैं। जहां पेट दर्द इत्यादि दर्जनों बीमारियों के मरीजों को अल्ट्रासाउंड के लिए बाहर जाना पडता है वही गर्भवती महिलाएं इस सुविधा के बिना बहुत ज्यादा परेशान होकर रह गई हैं। जीन्द विकास संगठन लगातार जीन्द में रेडियोलोजिस्ट भेजने की लगातार मांग करता आ रहा है लेकिन आज तक यह समस्या अधर में लटकी पड़ी है। ज्ञापन के माध्यम से रेडियोलॉजिस्ट उपलब्ध करवाने की मांग की गई।
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जीन्द विकास संगठन के चिकित्सा प्रमुख डा. बनीश गर्ग व व्यवस्था प्रमुख रामधन जैन ने कहा कि जीन्द के लोग दो बार कोरोना की मार झेल चुके हैं। इस बार तीसरे कोरोना वेरिएंट ओमीक्रान ने देश में दस्तक दे दी है। ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि पहले की तरह इस बार किसी भी तरह प्रशासन के मौके पर हाथ पांव न फूले और शहर के लोगों को सही समय पर सही ईलाज मिले इसको लेकर जीद के अस्पताल प्रशासन को अभी से अलर्ट हो जाना चाहिए। अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं हो इसकी व्यवस्था अभी से की जानी चाहिए। अस्पताल बैडो, दवाइयों और इंजेक्शनों की इस बार कोई कमी न रहे इसका भी पूरा ध्यान रखा जाए। अस्पतालों में ऑक्सीजन की भरपूर मात्रा हो इसके लिए अभी से पूरे प्रयास किए जाने चाहिएं। शहर में अभी से सेनेटाइजेशन शुरू कर देना चाहिए। मास्क का निशुल्क वितरण भी शुरू कर देना चाहिए। इसके साथ साथ जीन्द के अस्पताल प्रशासन को जल्द से जल्द एक टोल फ्री नम्बर भी जारी करना चाहिए जिस पर फोन करके शहर के लोग कोरोना से संबंधित जानकारी समय समय पर ले सकंे।
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जीन्द विकास संगठन के वरिष्ठ उपप्रधान मंजीत भौंसला व सावर गर्ग ने कहा कि जीन्द के सिविल हास्पिटल की पुरानी बिल्ंिडग में लिफ्ट की सुविधा नही है। उपर की मंजिलो में जाने के लिए मरीजों को काफी दिकक्तों का सामना करना पडता है जो बुजुर्ग मरीज हैं और अस्थमा के मरीज हैं ऐसे मरीजों को उपर की मंजिलों में जाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए इस बिल्डिंग में भी लिफ्ट लगवाने की व्यवस्था की जाए। इस अवसर पर जीन्द विकास संगठन के पीआरओ सुबे सिंह और आईटी प्रमुख मनीष गर्ग ने कहा कि सिविल हास्पिटल के नए मैन गेट पर वाहनों का जमावड़ा रहता है जिसके चलते मरीजों को अन्दर आने में काफी दिक्कतों का सामना करना पडता है। इसके लिए नए गेट पर कर्मचारियों या पुलिस की ड्यूटी लगाई जाए। संगठन के कोषाध्यक्ष पवन बंसल व कार्यालय सचिव सुंदरी गर्ग ने कहा कि सिविल हॉस्पिटल के परिसर में वाहन चोरी की घटनाएं काफी घटती हैं। इन घटनाओं पर रोक लगाने के लिए यहां पार्किंग की व्यवस्था की जाए। सीसीटीवी कैमरों की सुविधा बढ़ाई जाए। रात को पुलिस का पहरा बढ़ाया जाए।
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जीन्द विकास संगठन के उप प्रधान सज्जन सैनी व उप सचिव सुरेश चौहान ने कहा कि सिविल हॉस्पिटल में डॉक्टरों की काफी कमी है। यहां कुल 63 डाक्टरों के पद है लेकिन इस समय 22 डॉक्टर ही काम कर रहे हैं। डाक्टरों की कमी के चलते स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होकर रह गई है आने वाले समय में कोरोना के खतरे को देखते हुए तो इन डाक्टरों की संख्या न के बराबर है। इसलिए यहां डाक्टरों की संख्या बढ़ाई जाए। इस अवसर पर ज्ञापन के माध्यम से राजकुमार गोयल ने यह मांग भी की कि जीन्द के सिविल हॉस्पिटल के कुल करीबन 150 बैडो की सुविधा है अगर आने वाले समय में वेरिएंट ओमीक्रोन ने जीन्द में दस्तक दे दी तो ढाई लाख की आबादी वाले इस जीन्द के मरीज कैसे 150 बैड़ों से काम चला पाएंेगे। कोरोना की तीसरी मार को देखते हुए यहां कम से कम 500 बेडों की व्यवस्था स्थाई या अस्थाई तौर पर की जाए। प्रधान राजकुमार गोयल ने यह मांग भी की कि जीन्द के सिविल हॉस्पिटल के पोस्टमार्टम वार्ड के बाहर पोस्टमार्टम कराने आए परिजनों के बैठने के लिए छप्पर और कुर्सियों इत्यादि की कोई उचित व्यवस्था नहीं है। जिन परिजनों को सारी रात बैठना पड़ता है उनके लिए सर्दी के इस मौसम में बैठना और भी मुश्किल हो जाता है परिजनों के बैठने के लिए कवरड छप्पर और कुर्सियों इत्यादि की उचित व्यवस्था की जाए।
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संगठन के प्रधान राजकुमार गोयल ने कहा कि जींद शहर की आबादी करीबन ढाई लाख हो चुकी हैं। लोगों को घर द्वार तक टीकाकरण, डेंगू, मलेरिया, टी बी, गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण इत्यादि स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पहुंचाने के लिए सरकार के नार्म अनुसार प्रत्येक 5 हजार की आबादी पर एक एक एमपीएचडब्ल्यू तथा 30 हजार की आबादी पर एक स्वास्थ्य निरीक्षक की आवश्यकता अनुसार 42 पुरुष व 42 महिला स्वास्थ्य कर्मी एमपीएचडब्ल्यू और 8 स्वास्थ्य निरीक्षक की आवश्यकता है जबकि वर्तमान में केवल 6 पुरुष व 2 महिला एमपीएचडब्ल्यू और मात्र एक स्वास्थ्य निरीक्षक नियमित पदों पर कार्यरत हैं। एमपीएचडब्ल्यू और स्वास्थ्य निरीक्षक के रिक्त पदों को पूरा करने की मांग की गई।
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इस अवसर पर सिविल हॉस्पिटल प्रशासन के प्रतिनिधि के तौर पर आए डा. गोपाल व डा. राजेश भोला ने कहा कि जीन्द विकास संगठन ने विभिन्न समस्याओं को लेकर जो ज्ञापन उन्होंने सौंपा हैं उनमें से अधिकतर समस्याएं सरकार स्तर की हैं। यह ज्ञापन सरकार को प्रेषित कर दिया जाएगा। जो समस्याएं उनके स्तर की हैं उन्हें जल्द ही दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
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