सत्य खबर, दिल्ली
जो किसान कर्ज के चलते या खराब फसल के कारण या किसी अन्य कारणों से आत्महत्या तक चुके हैं, उनके परिवार वालों ने भी अब किसान आंदोलन को समर्थन किया है और इस आंदेलन में पहुंच रहे हैं। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अब महिलाओं ने भी मोर्चा संभाल लिया है। बीते 21 दिनों से किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर आंदोलित हैं।
उनकी मांग है कि केंद्र द्वारा पारित किए कानूनों को वापस ले लिया जाए। अब खुदकुशी पीड़ित किसान परिवारों की महिलाएं भी किसानों केआंदोलन में शामिल हो गई हैं। महिलाओं परिजनों के फोटो लेकर धरने में शामिल हुई। भारतीय किसान यूनियन एकता(उग्राहा) के धरनास्थल पर महिलाओं ने किसान परिवारों की हालत दिखाई है।
बता दें कि फसल खराब और आर्थिक तंगी के कारण इन किसानों ने आत्महत्याएं की थी। अब आंदोलन में मृतक किसानों की पत्नियां भी दिल्ली की ओर बढ़ रही हैं। यह वे महिलाएं हैं जिनके पतियों ने कृषि संबंधी मुद्दों के चलते आत्महत्या कर ली थी
BKU ने कहा है कि किसानों के बारे में यह डाटा भी इकट्ठा किया जा रहा है कि उनके परिवार को कोई मुआवजा मिला या नहीं। साथ ही उन पर कितने का ऋण था और उनके पास कितनी जमीन थी।
उग्राहन समूह वाले BKU उपाध्यक्ष झंडा सिंह जेठुके ने कहा कि सरकार पंजाब में किसानों की तस्वीर बहुत अच्छी दिख रहा ही, लेकिन असलियत कुछ और ही है। उन्होंने कहा कि विधवा महिलाएं अपनी जिंदगी की दास्तां बताएंगी।
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