सत्यखबर, नरवाना, (सन्दीप श्योरान) :-
आर्य समाज के प्रांगण में आयोजित चार दिवसीय महर्षि दयानंद जन्मोत्सव एवं बौद्ध उत्सव के तीसरे दिन आर्य समाज के कोषाध्यक्ष अश्वनी आर्य का परिवार मुख्य यज्ञमान के रूप में उपस्थित रहा। आचार्य योगेंद्र याज्ञिक ने मानव जीवन पर आधारित गीत प्रस्तुत करते हुए कहा कि मनुष्य ऐसा काम करें जो इस लोक के साथ साथ परलोक में भी काम आए। उन्होंने कहा कि जो दुनिया में आकर कहता है कि भगवान नहीं है और जो भगवान को भूलता है, वह इंसान नहीं है। भगवान से कुछ नहीं, मांगना भगवान को ही मांग लेना। उन्होंंने कहा कि भगवान से प्रार्थना करने के पहले पुरुषार्थ करना चाहिए, तब भगवान प्रार्थना स्वीकार करता है। पुरुषार्थ से ही सारे कार्य पूर्ण होते हैं सुपात्र और पुरुषार्थी को ही भगवान बिना मांगे देते हैं। इस अवसर पर इंद्रजीत जी, नरेश चंद्र, आमोद आर्य, विजय कुमार, अश्विनी आर्य, धर्मपाल, संजय भारद्वाज, किताब सिंह, राम प्रताप, महेंद्र आर्य सहित शिक्षण संस्थाओं के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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